कई क्षेत्रों में बदलाव लाने की जरूरत
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सरकारी बैंकों को कई क्षेत्रों में बदलाव लाने की जरूरत है. इनमें कहीं अधिक स्वायत्तता और प्रतिभाशाली लोगों की नियुक्ति शामिल है. बैंकिंग क्षेत्र का यह दो दिवसीय सम्मेलन शुक्रवार से शुरू हुआ था. यह ऐसे समय हुआ जब देश की आर्थिक विकास दर को रफ्तार देने की दिशा में सरकार पुरजोर कोशिशों में जुटी है. देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक हैं. बैंकिंग प्रणाली के 70 फीसद से ज्यादा हिस्से को ये नियंत्रित करते हैं. जेटली ने माना कि यह सम्मेलन नया रोडमैप तैयार करने में मदद करेगा. उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को फंड उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल दिया.
राजकोषीय मजबूती को सरकार प्रतिबद्ध
इसी सम्मलेन में पहुंचे वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि राजकोषीय मजबूती के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने संकेत दिया कि इसके लिए खर्चो में भारी कटौती नहीं की जाएगी. साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी बेचने का फैसला उचित मूल्यांकन के साथ किया जाएगा. सिन्हा ने कहा कि सरकार को राजकोषीय लक्ष्य और राजकोषीय मजबूती हासिल करने के लिए अपनाए जाने वाले रास्ते पर भरोसा है. सिर्फ राजकोषीय घाटे के आंकडे़ नहीं, बल्कि इनकी गुणवत्ता ज्यादा महत्वपूर्ण है. इसी दिशा में प्रयास हो रहे हैं.
सरकार यह रास्ता नहीं अपनाएगी
वित्त राज्यमंत्री का यह बयान राजकोषीय घाटे के आंकडे़ आने के कुछ ही दिन के भीतर आया है. आंकड़ों के मुताबिक राजकोषीय घाटा वर्ष के शुरुआती आठ महीनों में ही पूरे वित्त वर्ष के लिए अनुमानित घाटे के 99 फीसद तक पहुंच गया है. राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की ओर से खर्च में भारी कटौती के उपायों को सिरे से खारिज करते हुए सिन्हा ने संकेत दिया कि मौजूदा सरकार यह रास्ता नहीं अपनाएगी.
Hindi News from Business News Desk
Business News inextlive from Business News Desk