300
टन पर-डे आटा की होती थी सप्लाई
10
टन ही सिटी में हो पा रही आटा की सप्लाई
200
रुपये तक बढ़ गया है आटे का प्रति कुंतल भाव
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कोरोना की वजह से किसान नहीं जा पा रहे गेहूं की फसल काटने
कंपनियों में नहीं पहुंच पा रहा गेहूं, आधा दर्जन आटा की फैक्ट्रियां बंद
prayagraj@inext.co.in
PRAYAGRAJ:
लॉकडाउन के दौरान मार्केट में आटे की क्राइसेस शुरू हो गयी है। गेहूं का स्टॉक खत्म होने और गांवों से गेहूं का नया स्टॉक न आने की वजह से प्रयागराज की करीब आधा दर्जन से अधिक आटे की फैक्ट्रियां बंद हैं। आटे का स्टॉक न होने से पिछले दो से तीन दिन में आटे का भाव प्रति कुंतल 200 रुपये तक बढ़ गया है। इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो रोटी की किल्लत हो सकती है।
लेट हो रही गेहूं की फसल
पिछले दिनों कुदरत ने भी जमकर कहर ढाया था। होली से पहले हुई बारिश और फिर ओलावृष्टि की वजह से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल काफी बर्बाद हुई। इसकी वजह से गेहूं की नई फसल आने में देरी हो रही है। किसान पुरानी फसल नहीं बेच रहे हैं। पुराना स्टॉक न आने और नया गेहूं भी न निकलने से फैक्ट्री संचालक गेहूं नहीं खरीद पा रहे हैं।
प्रोडक्शन हो गया है बंद
करीब आधा दर्जन फैक्ट्रियां हैं प्रयागराज में
गेहूं का नया स्टॉक न मिलने से फैक्ट्रियों का संचालन है बंद
आटा का पुराना स्टॉक भी फैक्ट्रियों का करीब-करीब हो चुका है खत्म
गांव से आए गेहूं, तभी चालू हो पाएंगी फैक्ट्रियां
मार्केट में चावल तो इफरात मात्रा में है, लेकिन गेहूं की कमी है
गेहूं की फसल खेतों में पड़ी है। किसान खेतों की ओर नहीं जा रहे हैं।
आटा फैक्ट्री संचालकों की मांग
गांवों से गेहूं सप्लाई की व्यवस्था करे सरकार
गांवों में कराया जाए एनांउसमेंट कि किसान गेहूं की करें कटाई
एफसीआई का गेहूं फैक्ट्री संचालकों को पड़ रहा काफी महंगा
27 रुपये किलोग्राम एफसीआई से गेहूं दिए जाने की है चर्चा
एफसीआई से गेहूं लेने में रेट के साथ ही टेंडर प्रक्रिया व अन्य कई है झंझट
19.25 रुपये प्रति किलोग्राम ओपेन रेट पर एफसीआई फैक्ट्रियों को दे गेहूं
तभी 25 रुपये प्रति किलोग्राम तक आटा दे पाएंगी फैक्ट्रियां
फैक्ट्रियों को जब उचित रेट पर गेहूं मिलेगा, तभी उचित रेट पर आटा मार्केट में पहुंच पायेगा। जिसके लिए एडमिनिस्ट्रेशन को सख्त कदम उठाना चाहिये। किसान गेहूं दे सकें, इसका रास्ता निकालना चाहिए।
मनोज अग्रवाल
आटा फैक्ट्री मालिक