- 1500 रुपए फाइन लेकर गाय नहीं छोड़ने पर प्रभारी नगर स्वास्थ्य को खींचकर अपने ऑफिस ले गए

- मेयर और 25 पार्षदों समेत 50 के खिलाफ मुकदमा दर्ज,

बरेली : नगर निगम में अफसरों व जनप्रतिनिधियों के बीच चल रही खींचतान और बढ़ गई। सोमवार को मेयर डॉ। उमेश गौतम को पर्यावरण अभियंता एवं प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी संजीव प्रधान पर ऐसा गुस्सा फूटा कि वे उन्हें तलाशते हुए नगर आयुक्त के कक्ष में पहुंच गए। वहां नगर आयुक्त के पास खड़े संजीव प्रधान पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए खरी-खोटी सुनाई और खींचकर बाहर ले जाने लगे। धक्का भी दिया। नगर आयुक्त ने हस्तक्षेप किया तो मेयर उन पर भी बरस पड़े। संजीव को जबरन अपनेकार्यालय तक ले गए। आदेश के बाद भी गायें न छोड़ने पर पर्यावरण अभियंता पर मेयर भड़के थे। हंगामे की सूचना पर सीओ फ‌र्स्ट पुलिस फोर्स के साथ नगर निगम पहुंचे। बाद संजीव प्रधान की शिकायत पर मेयर और 25 पार्षदों समेत 50 के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।

ऐसे बढ़ गया विवाद

वार्ड 65 सुरेश शर्मा नगर क्षेत्र से नगर निगम की टीम ने चार दिन पहले दो लोगों की एक-एक गाय पकड़कर पांच हजार रुपए जुर्माना ठोंक दिया था। पार्षद नरेश पटेल ने मेयर डॉ। उमेश गौतम से गाय छुड़वाने की मांग की तो उन्होंने प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी (मूल पद पर्यावरण अभियंता) संजीव प्रधान को 1500 रुपये फाइन लेकर गाय छोड़ने के निर्देश दिए। बावजूद इसके गाय नहीं छोड़ी गई। सोमवार दोपहर मेयर पार्षदों के साथ नगर स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में पहुंच गए। प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी के नहीं मिलने पर वहां मौजूद कंप्यूटर ऑपरेटर को शुल्क की रसीद नहीं काटने पर फटकारा। प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी के नहीं मिलने पर सीधे नगर आयुक्त कक्ष में पहुंच गए।

मेयर ने बताया अपना अधिकार

नगर आयुक्त के ऑफिस में पहुंचते ही मेयर ने वहां बैठे प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी को फटकारते हुए कहा, 'तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे आदेश को न मानने की। जब मैंने आदेश दिया था तो अब तक गाय क्यों नहीं छोड़ी गई। कितने रुपए चाहिए तुम्हें। शमन शुल्क कितना करना चाहिए कितना नहीं, इसका अधिकार बोर्ड ने उन्हें दिया है.'

भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप

इसके बाद मेयर नगर आयुक्त से उलझ गए। उन्होंने नगर निगम में भ्रष्टाचार और अफसरों पर लूट मचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब जनता को परेशान किया जा रहा है। अफसर बरेली को बर्बाद करने में जुटे हैं। उन्होंने नगर आयुक्त से भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं देने को कहा। भ्रष्ट अफसरों के पक्ष में खड़े न होने की सलाह दी। इसके बाद मेयर प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी को जबरन अपने ऑफिस में खींच ले गए और तत्काल शमन शुल्क काटने को कहा।

शासन को लिख चुके हैं पत्र

नगर निगम के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार करने व विकास कार्य ठीक से नहीं करने का आरोप लगाते हुए मेयर कई बार शासन को पत्र लिख चुके हैं। पत्र में मुख्य अभियंता एसके अंबेडकर, पर्यावरण अभियंता समेत अन्य अधिकारियों और इंजीनियरों के नाम हैं।

पार्षदों पर कार्रवाई की भी नाराजगी

बीते दिनों पोर्टेबल शॉप प्रकरण में पार्षद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के विरोध में कई पार्षद नगर आयुक्त के ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद कई पार्षदों पर मामले दर्ज करा दिया गया था। बाद में सिटी मजिस्ट्रेट ने धारा 144 लागू कर धरना समाप्त करा दिया। इस बात से भी अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी थी।

------------------------

वर्जन

मेरे कक्ष में जो कुछ भी हुआ वह सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। इस बारे में शासन को अवगत कराया जाएगा। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

सैमुअल पॉल एन, नगर आयुक्त।

गाय छुड़ाने के लिए गए लोगों से नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने सुविधा शुल्क मांगा था। वहीं मेयर के आदेश की भी अवहेलना की।

नरेश पटेल, पार्षद।

हम भ्रष्टाचार मुक्त नगर निगम बनाने के लिए प्रयासरत हैं। दो लोगों ने गाय छुड़ाने पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। मैंने 1500 रुपये की पर्ची काटने का आदेश दिया था। इसके बाद भी रिश्वत की पेशकश की गई जिसके बाद मैंने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को भ्रष्टाचार न करने की हिदायत दी।

डॉ। उमेश गौतम, मेयर