-विवि प्रशासन ने खुद छात्रावासों में पजेशन दे दिए जाने का किया है दावा
vikash.gupta@inext.co.in
PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने शैक्षिक सत्र 2018-19 में हास्टल्स का सफाई अभियान बीच में अधूरा छोड़ दिया गया है। यूनिवर्सिटी ने खुद के हॉस्टल्स में एलॉट नव प्रवेशियों को हास्ॅटल दे दिए जाने का दावा किया है। लेकिन ट्रस्ट के हॉस्टल्स में एलाटमेंट और पजेशन का काम कैसे होगा, इसपर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस बीच मार्च में वार्षिक परीक्षाओं का आगाज भी होने जा रहा है।
जनवरी में लिखा गया था मुकदमा
गौरतलब है कि विवि ने जनवरी में हॉस्टल में काबिज दबंगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का फैसला लिया था। इस दौरान कुल 20 हॉस्टल्स में केवल पांच हास्टल्स के खिलाफ ही एफआईआर की कार्रवाई की जा सकी। विवि प्रशासन का कहना है कि तमाम घटनाक्रम उसके एक्शन के आड़े आ गए। इससे एफआईआर पर भी ब्रेक लग गया। मौजूदा हालात में जिनके खिलाफ एफआईआर लिखी गई, उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई क्या की गई? क्या उन सभी को हास्टल से बाहर का रास्ता दिखा जा चुका है? वहीं ट्रस्ट के हॉस्टल्स को भी उनके हाल पर ही छोड़ दिया गया है।
यहां इतनी एफआई आर
डॉ। ताराचन्द- 67
एसएसएल- 26
डायमंड जुबिली- 38
पीसीबी- 24
जीएन झा- 33
यहां नहीं हुई एफआईआर
हिन्दू हास्टल
हॉलैंड हाल
एसडी जैन
मुस्लिम बोर्डिग
केपूयीसी
पांच माह से चल रही थी कवायद
-नए शैक्षिक सत्र में मुट्ठीभर नव प्रवेशियों को ही हॉस्टल एलाट किया जा सका।
-इन्हें भी पजेशन दे पाने में विवि प्रशासन फेल रहा तो नव प्रवेशियों ने विरोध प्रदर्शन की शुरुआत कर दी।
-विवि प्रशासन ने अक्टूबर 2018 से जिला प्रशासन से हास्टल में रेड के लिए फोर्स मांगनी शुरु की।
-तय हुआ था कि 11 जनवरी से कुंभ मेले के लिए बाहर से आई फोर्स की मदद से हास्टल में रेड डाली जाएगी।
पुलिस को ही कर दिया गया बैन
11 जनवरी को हॉस्टल में रेड से पहले एक मामले को लेकर पुलिस और छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच टकराव हो गया।
विवि प्रशासन ने नोटिस जारी करके पुलिस को कैम्पस और हॉस्टल में बिना अनुमति घुसने से बैन कर दिया।
छात्रसंघ को मौका दिया गया कि वह खुद पहल करे और 16 जनवरी तक छात्रावासों से अवैध लोगों को बाहर करवाए।
ऐसा हो तो नहीं सका, उल्टे एक बार फिर छात्रसंघ पदाधिकारियों और छात्रों के साथ कैम्पस में ही पुलिस से टकराव हो गया।
कैम्पस में एक सिपाही पर कातिलाना हमला किया गया। इसके बाद विवि प्रशासन को पुलिस को फिर से खुली छूट देनी पड़ी।
ब्लैक लिस्टेड करने की दी चेतावनी
-हॉस्टल के भीतर लगातार बिगड़ते हालातों के बीच विवि प्रशासन ने 23 जनवरी को विज्ञप्ति जारी की।
-कहा गया कि विवि प्रशासन अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई करेगा।
-अवैध कब्जाधारी के रूप में पाया जाएगा। उसका चरित्र प्रमाण पत्र नहीं जारी किया जाएगा।
- ऐसे लोगों को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।
- भविष्य में इन्हें नौकरी मिलने पर उनके खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि की जाएगी।
फिर इन घटनाओं के चलते लग गया ब्रेक
-30 जनवरी को विवि के छात्र रजनीकांत यादव ने आत्महत्या कर ली।
-उसने अपने सुसाइड नोट में जान देने की बड़ी वजह हास्टल न मिल पाना बताया।
-यह विवाद चल ही रहा था कि खबर आ गई कि विवि कुलपति के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच के लिए एमएचआरडी ने राष्ट्रपति को संस्तुति भेजी है।
-इसके बाद शिक्षक आन्दोलित हो उठें और कई दिनों तक चलाई गई मुहिम के बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दे डाली।
- यह विवाद चल ही रहा था कि छात्रसंघ ने अलग ही मोर्चा खोल दिया।
- 12 फरवरी को छात्रसंघ वार्षिकोत्सव/उद्घाटन समारोह को लेकर छात्रसंघ में दो फाड़ हो गया।
- इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि को आने से रोक देने पर बालसन चौराहे पर जमकर बवाल हो गया।
हमने 11 फरवरी तक सभी छात्रावासों से अवैध कब्जाधारियों की लिस्ट देने को कहा था। जिससे कब्जे की वर्तमान वस्तुस्थिति का पता चल सके और आगे की गंभीर कार्रवाई को बढ़ाया जा सके। यूनिवर्सिटी के खुद के छात्रावासों में पेजशन दे दिया गया है। ट्रस्ट वालों के बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता।
प्रो। आरएस दुबे, चीफ प्रॉक्टर
लड़कियों के छात्रावासों समेत एसएसएल, जीएन झा, डीजे हास्टल में सौ फीसदी पजेशन दे दिया गया है। पीसीबी और ताराचन्द में कुछ ही छात्र बचे हैं। एएन झा, राधाकृष्णन और शताब्दी हास्टल में भी पजेशन पूरा हो चुका है। इनकी कुल संख्या कितनी है, इसका डाटा देखकर ही बता सकूंगा।
प्रो। हर्ष कुमार, डीएसडब्ल्यू