-आई नेक्स्ट की खबर का हुआ असर, आईजी ने मामले को लिया संज्ञान

-एसएसपी को लेटर भेजकर कार्रवाई का दिया निर्देश, विवेचक को भी किया तलब

-इंजीनियर जांच कर पता लगाएंगे कि कितनी स्पीड में थी ऑडी कार

कारोबारी अरविन्द टंडन की ऑडी कार से हुए हिट एण्ड रन केस में अब असली गुनाहगार को बचाने का खेल नहीं हो पाएगा। भले ही सबकुछ मैनेज होने की चर्चा है, लेकिन अब आरोपी की मुश्किलें बढ़ना तय है। आईजी ने आई नेक्स्ट की खबर को देखकर मामले को संज्ञान में ले लिया है। जिससे पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया है। अब आरोपी पर गंभीर धारा में कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है, ताकि पब्लिक को अच्छा संदेश जाए और कोई दोबारा रोड पर कार रेसिंग की हिम्मत न जुटा पाए।

मैनेज होने का किया था खुलासा

इस हिट एण्ड रन केस में एक वृद्धा की मौत हुई है, जबकि दो युवक घायल हुए है। इसमें पुलिस का शुरुआती रुख बेहद सख्त था, लेकिन कुछ ही घंटे में पुलिस का रुख नरम हो गया और असली गुनाहगार को बचाने का खेल शुरू हो गया। पुलिस ने पहले तो हल्की धारा में कार्रवाई कर आरोपी की अपरोक्ष रूप से मदद कर दी। फिर ड्राइवर को बलि का बकरा बनाने की कोशिश में जुट गई। इसमें वादी से लेकर गवाहों को भी मैनेज कर लिया गया। आई नेक्स्ट ने सच्चाई को सामने लाने के लिए सोमवार को इसका खुलासा कर खबर छाप दी। जिससे कारोबारी से लेकर पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। आईजी आशुतोष पाण्डेय ने खबर को संज्ञान में लेते हुए विवेचक को तलब कर लिया, ताकि असली गुनाहगार को बचान का कोई खेल न हो सकें।

गैरइरादतन हत्या की धारा लगेगी

यह हादसा नहीं, बल्कि 'मर्डर' है। इसमें आडी कार चलाने वाले रईसजादे की लापरवाही से वृद्धा की जान गई है। वो कार रेसिंग कर रहा था। जिसे आईजी ने संज्ञान में लिया है। आईजी आशुतोष पाण्डेय के मुताबिक रोड पर कार रेसिंग प्रतिबंधित है। कार चलाने वाला जानबूझकर कार रेसिंग कर रहा था। इसलिए उस पर गैरइरादतन हत्या यानि 304 (2) के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरोपी ने एक वृद्धा की जान ली है, जबकि दो लोगों को घायल किया है। इसलिए उस पर सख्त कार्रवाई होगी। जांच के आधार पर उन पर धाराएं बढ़ाई जाएगी।

ऑडी के इंजीनियर की मदद भी ली जाएगी

इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इंजीनियर की भी मदद ली जाएगी। आईजी के मुताबिक कार हाई स्पीड में थी। कार की स्पीड पता लगाने के लिए इंजीनियर की मदद ली जाएगी। इंजीनियर क्षतिग्रस्त कार की जांच कर बताएंगे कि किस स्पीड में टक्कर होने पर कार का पहिया निकल सकता है? किस स्पीड में हादसा होने पर बैलून खुल जाते है। किस स्पीड में एक्सीडेंट होने पर कार इतनी क्षतिग्रस्त हो सकती है। इंजीनियर की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस चार्जशीट लगाएगी। इसे भी विवेचना का पार्ट बनाया जाएगा, ताकि कोर्ट में ट्रायल के दौरान आरोपी को सजा दिलाने के लिए अभियोजन पक्ष को मदद मिल सकें।

सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जाएंगे

कारोबारी अरविन्द टंडन के रसूख के दबाव में पुलिस अभी जांच में हीलाहवाली कर रही थी। ऑडी कार से लैंडमार्क होटल के एक माचिस बॉक्स मिला है। इसके बाद भी पुलिस ने लैंडमार्क होटल के सीसीटीवी फुटेज को नहीं खंगाला। जिसे आईजी ने मामले को संज्ञान में ले लिया है। आईजी के मुताबिक प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि कार चलाने वाला लैंडमार्क होटल गया था। इसलिए होटल का सीसीटीवी फुटेज खंगाला जाएगा, ताकि पता चल सके कि वो होटल में क्या कर रहा था? इससे ये भी पत जाएगा कि अगर कार चलाने वाले ने होटल में शराब पी है तो उस पर और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

क्या है 304(पार्ट-2) धारा?

इस हिट एण्ड रन केस में आरोपी पर 304 (पार्ट-2) के तहत कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। यह गैरइरादतन हत्या में लगाई जाती है। सीनियर एडवोकेट कौशल किशोर शर्मा के मुताबिक इस धारा का आशय है कि अगर किसी को मालूम है कि किसी काम को करने से किसी को मौत हो सकती है। इसके बाद भी वो व्यक्ति उस काम करता है और उसकी वजह से किसी की मौत हो जाती है तो उस दशा में 304(2) के तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें दस साल कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने एक एक्सीडेंट के ऐसे ही कई केसेज में इसी धारा में आरोपी को दस साल कैद की सजा सुनाई है। उनके मुताबिक आप रोड पर खड़े होकर अगर लोहे का भारी रॉड घुमाते हैं तो फिर इससे किसी को नुकसान पहुंचता है तो फिर आप दोषी होंगे। ठीक इसी तरह शहर में गाड़ी चलाते वक्त अगर आप गति पर नियंत्रण नहीं रखते हैं तो ये अपराध है। क्योंकि शहर की गलियों और रोड से कभी भी कोई निकल सकता है। जिससे हादसे की संभावना काफी बढ़ जाती है। ऐसे में गाड़ी से किसी की मौत बड़ा मामला माना गया है।

रोड पर जगह-जगह लगाए जाएं बोर्ड

आईजी आशुतोष पांडेय ने सिटी में गाड़ी चालकों को आगाह करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों को लेटर लिखकर जगह-जगह गति सीमा के बोर्ड लगवाने के लिए कहा है। उन्होंने दूसरे हादसों के लिए एसएसपी को लेटर लिखा है। जिससे की रोड एक्सीडेंट्स में गति को चेक किया जाए। अगर यमुना एक्सप्रेस वे पर गाड़ी दौड़ाते हैं तो अलग बात हैं क्योंकि वो एक्सप्रेस वे गाडि़यों के लिए बना है। लेकिन रोड पर हर तरह के लोग चलते हैं ऐसे में गाड़ी चालक को अपने पर काबू रखना चाहिए।

ताकि न हो इसका मिसयूज

आईजी आशुतोष पांडेय ने एसएसपी को ये भी निर्देश दिए हैं कि एक्सीडेंट्स के अन्य मामलों की बात करें तो पहले जांच-पड़ताल कर ली जाए इसके बाद ही इस धारा में कार्रवाई की जाए। जिससे की इस धारा का कोई मिसयूज न कर सके।