-मंडलीय हॉस्पिटल में आग से बचाव के लिए प्लान तैयार
-हॉस्पिटल परिसर को फायर फाइटिंग सिस्टम से किया जाएगा लैस
-लगेगा फायर एक्सटिंग्वशर, पाइप लाइन बिछाने के लिए इंस्पेक्शन शुरू
मंडलीय हॉस्पिटल में आग लगने पर उससे बचाव के लिए इंतजाम जल्द दिखेगा। क्योंकि यहां अब उसका भी इलाज कर दिया जाएगा। शासन ने पूरे हॉस्पिटल परिसर को फायर फाइटिंग सिस्टम से लैस करने का डिसीजन लिया है। हालांकि इस योजना के तहत होने वाले सभी काम व खर्चो का हिसाब किताब निदेशालय रखेगा। इससे हॉस्पिटल प्रबंधन का कोई लेना-देना नहीं होगा। इस काम के लिए टेंडर भी जारी हो चुका है।
जल्द शुरू होगा काम
अधिकारियों का कहना है कि फायर फाइटिंग सिस्टम को लगाने में हॉस्पिटल प्रबंधन का कोई रोल नहीं है। सब कुछ शासन स्तर पर ही तय हो रहा है। उन्होंने बताया कि फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के लिए हॉस्पिटल के इंस्पेक्शन का काम शुरू हो चुका है। तीन दिन पहले लखनऊ से आई टीम ने हॉस्पिटल के हर कमरे की नापी भी की है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द काम भी शुरू हो जाएगा।
हर कोने में दौड़ेगी पाइप लाइन
बता दें कि हॉस्पिटल में आग से बचाव के लिए कोई खास इंतजाम नहीं है। अधिकतर वार्ड्स में फायर एक्सटिंग्वशर तक नहीं लगाए गए हैं। इमरजेंसी व एक्सरे-पैथालॉजी के आसपास भी आग लगने पर उससे बचाव के लिए इक्विपमेंट नहीं लगे हैं। सेम हाल इमरजेंसी वार्ड का भी है। इन्हीं सब असुविधाओं को दूर करने के लिए इस बार पाइप लाइन सिस्टम लगाने की योजना तैयार की गई है। पाइप लाइन सिस्टम की पहुंच सभी वार्ड्स, ओपीडी, अधिकारी कक्ष के साथ हॉस्पिटल के कोने-कोने तक होगी। इसका वाटर टैंक हॉस्पिटल के पिछले हिस्से में बनाया जाएगा।
बालू न इक्विपमेंट
यहां के कर्मचारियों की मानें तो पिछले कई सालों से आग से बचाव के लिए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से यहां कोई व्यवस्था सोची नहीं गई। अमूमन आग से बचाव के लिए हॉस्पिटल्स में जहां पाइप लाइन की व्यवस्था नहीं होती, वहां बालू से भरी बाल्टी देखी जाती है। लेकिन यहां वह भी नहीं है।
एक नजर
315
बेड हैं मंडलीय हॉस्पिटल में
12
ओपीडी हैं यहां
1600-1700
मरीज रोजाना पहुंचते है ओपीडी में
हॉस्पिटल में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के लिए प्रपोजल भेजा जा चुका है। शासन की ओर से कार्यदायी संस्था को सिस्टम लगाने का जिम्मा दिया गया है।
डॉ। बीएन श्रीवास्तव, एसआईसी,
मंडलीय हॉस्पिटल