PRYAGARJ: जिस गली में आग की यह भीषण घटना हुई हैं, उसमें एक दूसरे से सटे कई मकान हैं। हर मकान व मार्केट में सिर्फ इलेक्ट्रानिक पा‌र्ट्स की ही दुकानें हैं। कुछ में सेकंड व थर्ड फ्लोर पर परिवार भी रहते हैं। यह संयोग ही था कि मैक मार्केट में लगी भीषण आग किसी और बिल्डिंग तक नहीं पहुंची। वरना शाहगंज की घटना कहीं ज्यादा भीषण हो सकती थी।

-अतिक्रमण के चलते शाहगंज इलेक्ट्रानिक मार्केट की गली में न के बराबर जगह बची है।

-जिस गली में घटना हुई वह इतनी संकरी है कि फायर विभाग की छोटी गाड़ी भी अंदर तक नहीं जा सकी।

-सड़क को घेरकर लोगों ने बिल्डिंग खड़ी कर रखी है। किनारे बनी नालियों पर भी प्लास्टर लगाकर कब्जा कर रखे हैं।

-इसके बाद आधी सड़क पर दुकान का सामान फैलाने के लिए तख्त व मेज लगा रखा है।

-यदि गली के अंदर गाडि़यां पहुंच पातीं तो पानी और फोर्स के साथ सेकंड फ्लोर तक चढ़ता और आग जल्द बुझा ली जाती।

हर कदम पर मौत के तार

शाहगंज में जिस गली के अंदर आग की घटना हुई, उसमें हर कदम पर मौत के तार फैले हैं। मकड़ी के जाले की तरह करीब हर बिल्डिंग की रेलिंग से तार लटक रहे हैं। यहां तक की कई मार्केट के अंदर भी सलीके से नहीं लगाए गए हैं। लापरवाही इस कदर है कि कई जगहों पर टैपिंग साफ दिखती है।

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सबसे ज्यादा थे चाइनीज आइटम

आग की चपेट में आई दुकानों व गोदाम में सबसे ज्यादा चाइनीज आइटम थे। चाइना के अधिकांश सामान प्लास्टिक से ही निर्मित होते हैं। यही वजह रही कि प्लास्टिक के सामान में आग लगी तो संभाल पाना मुश्किल हो गया था।

वर्जन

शॉर्ट सर्किट से लगी आग के कारण बैट्री ब्लास्ट कर गई। इससे आग फैल गई। दुकानें तो कई जली हैं, पर सात-आठ व्यापारियों ने ही लिखित सूचना दी है। कुछ व्यापारियों की दो से तीन दुकानें हैं। पूरी तरह जांच व काउंटिंग के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। नुकसान के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

-प्रिंस दीक्षित, इंस्पेक्टर शाहगंज

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खबर मिलते ही जवान पानी के टैंकर संग मौके पर पहुंच गए थे। पांच से छह घंटे तक ऑपरेशन मार्केट चलाया गया। गली संकरी न होती तो शायद आग और पहले बुझा ली गई होती। बेहद संकरी गली में बड़े तो दूर छोटे टैंकर भी नहीं जा सके। ऐसे में किसी तरह वाटर पाइप बिछा कर आग बुझाई गई।

-आरएस मिश्र, चीफ फायर ऑफिसर