-नैनी में डॉक्टर के यहां बाइक सवार शूटरों ने सरेआम किया तांडव

-हॉस्पिटल में घुसकर बमबाजी और गोलियों की बौछार

ALLAHABAD: पुलिस फोर्स के इलेक्शन ड्यूटी में लग जाने से क्रिमिनल्स बेखौफ हो उठे हैं। पब्लिक को अपनी सुरक्षा आलमोस्ट खुद ही करनी है। यह रोना लगभग सभी थानों का है। किसी भी घटना के बारे में जानकारी देने पर फोर्स का रोना रोया जाने लगा है। चीता मोबाइल भी उपलब्ध नहीं है। थर्सडे को दो बड़ी घटनाएं शहर में हुई। सरेआम दिनदहाड़े हुई और पुलिस कुछ कर नहीं सकी। अब जांच चल रही है।

नकाब पहने थे हमलावर

डॉक्टर अशरफ नैनी गंजिया एरिया के रहने वाले हैं। नैनी जेल रोड पुलिस चौकी के पास उनका हयात नाम से हॉस्पिटल है। थर्सडे को भी वह अपने चैंबर में बैठे थे। शाम चार बजे के करीब दो बाइक से चार लड़के वहां पहुंचे। चेहरा छिपाने के लिए उन्होंने नकाब पहन रखा था। हॉस्पिटल में पहुंचते ही बमों की बौछार शुरू कर दी। चैंबर पर एक बम ब्लास्ट करते ही डॉक्टर ने बाहर निकलकर देखने की कोशिश की तो एक और बम वहां फेंक दिया गया।

बाल बाल बचे डॉक्टर

हमलावरों का तेवर देखकर डॉक्टर ने दूसरे रूम में शरण ली और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। डॉक्टर को भागते देखकर बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी लेकिन संयोग अच्छा था कि एक भी गोली उन्हें लगी नहीं। इसके बाद बदमाशों ने वहां पर फिर बमबाजी की और भाग निकले। बम और गोलियों की बौछार से हॉस्पिटल में हड़कंप मच गया। टीवी फूट गया और डॉक्टर का चैंबर तहस-नहस हो गया। बदमाशों के जाने के बाद डॉक्टर ने पुलिस को सूचना दी।

डॉग स्क्वाड और क्राइम ब्रांच लगी

इस सनसनीखेज घटना की जानकारी मिलने पर नैनी पुलिस मौके पर पहुंची। जांच के लिए क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम को भेजा गया। डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक एक्सपर्ट प्रेम भारतीय भी पहुंच गए। स्पॉट पर बम और गोलियों के कई निशान मिले। फोरेंसिक टीम को क्भ्0-ख्00 ग्राम तक बम में यूज हुए लोहे की रिपीट मिली। जो यह बता रही थी कि अगर डॉक्टर उसकी चपेट में आए होते थे परिणाम क्या होता।

रंगदारी का मामला तो नहीं

इस सनसनीखेज घटना को देखकर पुलिस ने यह अंदाजा लगाया कि इसके पीछे हमलावरों का मकसद डॉक्टर को डराना था। शायद किसी ने डॉक्टर को धमकी दी हो या किसी ने रंगदारी मांगी हो और डॉक्टर अशरफ उस धमकी को समझ न सके हों। धमकी को सच कर दिखाने के लिए शूटरों ने बस ट्रायल दिखाया ताकि बाद में उनका काम आसान हो जाए। जब पुलिस इस मामले में डॉक्टर से पूछताछ की तो उन्होंने किसी डॉक्टर या रंगदारी की बात उस वक्त नहीं स्वीकार की। वैसे तो बदमाशों की हरकतें सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई लेकिन बावजूद इसके हमलावरों के बारे में कोई क्लू हाथ नहीं लगा। मामले की जांच में पुलिस महकमा लगा रहा।