-हैलट आईसीयू में यशोदा नगर निवासी युवक की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

- कांशीराम, उर्सला में नहीं बची जगह, हैलट भेजे जा रहे डेंगू के नए पेशेंट

- प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी चल रहा बड़ी संख्या में डेंगू मरीजों का ट्रीटमेंट

KANPUR: बौहार गांव से निकल कर डेंगू शहर में तो कई दिन पहले ही फैल गया था, लेकिन शनिवार देर रात शहर में डेंगू से पहली मौत भी हो गई। हैलट आईसीयू में भर्ती यशोदा नगर के युवक की मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा भी किया। वहीं डेंगू और उसके संभावित पेशेंट्स से कांशीराम ट्रामा सेंटर और उर्सला फुल हो गए हैं। नए पेशेंट्स को हैलट भेजा जा रहा है। बौहर गांव में भी रविवार को बुखार के 72 नए पेशेंट्स सामने आए।

प्राइवेट का डेटा ही नहीं

स्थिति इस हद तक खराब है कि एक ही परिवार के कई सदस्यों को एक के बाद एक डेंगू होने के बाद उनका अलग-अलग हॉस्पिटल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। डेंगू के इस तरह के संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की चिंता और भी बढ़ रही है। माना जा रहा है कि सरकारी अस्पतालों में भर्ती डेंगू के पेशेंट्स से चार गुना ज्यादा तादात में पेशेंट्स प्राइवेट हॉस्पिटलों में इलाज करा रहे हैं। जिसका कोई डेटा अभी तक स्वास्थ्य विभाग के पास है ही नहीं।

लापरवाही में गई मयंक की जान

यशोदा नगर निवासी एमके तिवारी के बेटे मयंक (20) को 17 अगस्त को बुखार आने के बाद स्थानीय डॉक्टर को दिखाया गया। 19 अगस्त को उसे कबीर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर्स ने बताया मयंक में डेंगू के लक्षण बताकर शनिवार को हैलट भेज दिया। जहां उसे डॉ। आरके वर्मा की यूनिट में भर्ती किया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि कोई भी सीनियर डॉक्टर उनके बेटे को देखने नहीं आया। रात को हालत बिगड़ने पर उसे आईसीयू शिफ्ट किया लेकिन रात 2 बजे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा भी किया। हालांकि डॉक्टर्स उसकी एलाइजा जांच नहीं होने की बात भी कह रहे हैं। जिससे उसे डेंगू हुआ या नहीं, इस बात की पुष्टि की जा सके।

मेडिकल कॉलेज भेजें सैंपल

डेंगू की पुष्टि के लिए होने वाला एलाइजा टेस्ट सिर्फ मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में ही होता है। इसके अलावा दो प्राइवेट पैथालॉजी और कुछ प्राइवेट हॉस्पिटलों में कार्ड टेस्ट के जरिए डेंगू की जांच की जा रही है। एसीएमओ डॉ। आरके यादव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन सभी प्राइवेट हॉस्पिटलों को निर्देश जारी किए हैं कि उनके यहां अगर कोई भी पेशेंट कार्ड टेस्ट में पॉजिटिव आता है तो उसका ब्लड सैंपल मेडिकल कॉलेज जरूर भिजवाएं। जहां एलाइजा जांच मुफ्त की जा रही है।

100 से ज्यादा पेशेंट्स का इलाज

लगातार आ रहे डेंगू के पेशेंट्स की वजह से संडे को काशीराम अस्पताल और उर्सला में बनाए गए डेंगू वार्ड फुल हो गए। इसके बाद भी संडे को भी बौहार गांव से आए 4 पेशेंट्स को उर्सला में भर्ती किया गया। वहीं काशीराम में आने वाले पेशेंट्स को हैलट भेजा जा रहा है। हैलट, काशीराम और उर्सला में डेंगू वार्डो में इस समय 100 से ज्यादा डेंगू और उसके संभावित पेशेंट्स का इलाज किया जा रहा है। इसमें से ज्यादातर बौहार गांव के ही हैं।