सेफ्टी और फेसिलिटी

उम्मीद की जा रही है कि रेलवे की सेफ्टी, सफाई और फेसिलिटीज के लिहाज से इसमें कुछ अहम घोषणाएं हो सकती हैं. किराया बढ़ने के बावजूद रेलवे की आमदनी अभी भी खर्च के मुकाबले काफी कम है. लिहाजा दूसरे जरिये से पैसा कमाने के कदम उठाने का ऐलान भी रेल बजट में हो सकता है. बजट में रेलवे में सुरक्षा के लिहाज से खाली पड़े एक लाख से ज्यादा पोस्ट्स पर तुरंत हायरिंग का प्रपोजल हो सकता है. ट्रेन हादसों को रोकने के लिए अनिल काकोदकर कमेटी के ज्यादातर सिफारिशों को मंजूरी दी जा सकती है. इसके तहत सभी मानव रहित क्रासिंग पांच साल में खत्म की जाएंगी. सिग्निल सिस्टम बेहतर करने समेत काकोदकर कमेटी के तमाम सुझावों को लागू करने के लिए हर साल 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की जरूरत होगी.

मॉडर्न और हाइटेक इंडियन रेलवे की आस

इस बार के बजट में मौजूद रेल कोच की डिजाइन बदलकर उन्हें ज्यादा सेफ और कंफर्टेबल बनाने का ऐलान हो सकता है. दूरंतो ट्रेनों को हटाया जा सकता है या फिर राजधानी की तरह कई स्टॉपेज के साथ चलाने का ऐलान हो सकता है. खान-पान व्यवस्था में ब्रांडेड कंपनियों को इंट्री दी जा सकता है. सभी स्टेशनों पर स्केलेटर की फेसलिटी का ऐलान हो सकता है. रेल एंप्लॉईज और ऑफिसर्स को मिलने वाली रियायत पर कटौती हो सकती है. इसके अलावा 4 जुलाई को उधमपुर-कटरा रूट शुरू होने के बाद, वैष्णो देवी जाने वालों के लिए नई ट्रेनों का ऐलान हो सकता है.

रेलवे का इंफ्रास्टक्चर

बजट में देश की पहली सेमी-हाईस्पीड ट्रेन का ऐलान किया जा सकता है. यह ट्रेन दिल्ली के आगरा की 200 किलोमीटर की दूरी को 90 मिनट में तय करेगी. इंडिया में बुलेट ट्रेन को लेकर नई पॉलिसी का एलान भी हो सकता है. सरकार रेलवे का इंफ्रास्टक्चर, जिसमें हाई स्पीड ट्रैक, डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर और स्टेशनों का विकास शामिल हैं, में सौ फीसदी एफडीआई का स्वागत करने को तैयार है. हालांकि अगर हादसों को रोकने के लिए पुख्ता उपाय और  खाने पीने जैसी बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आम जनता की भारी नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है.

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