प्रयागराज की दोनों संसदीय सीटों पर आधी आबादी का कब्जा

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PRAYAGRAJ: पहली बार आधी आबादी पर प्रयागराज की जनता ने भरोसा जताकर सत्ता की चाबी सौंपी है. एक बार फिर सिर्फ कमल पर भरोसा जताया है. देश की 17वीं लोकसभा का चुनाव प्रयागराज में हमेशा के लिए स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया है. कुंभ मेला शुरू होने से पहले सैकड़ों साल पुराने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया था. अब चुनाव में एक बार फिर इतिहास बन गया. यहां इलाहाबाद और फूलपुर संसदीय सीट पर महिला प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. जनता को उम्मीद है कि कमल गया चुका है अब देश खिलेगा. निखरेखा. विश्व पटल पर अपनी पहचान बदलकर रख देगा.

लम्बा राजनीतिक अनुभव है दोनो के पास

इलाहाबाद सीट से रीता बहुगुणा जोशी और फूलपुर से केशरी देवी पटेल ने विजयश्री का वरण किया है. दोनों के साथ मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि भी जुड़ी है और दोनों खुद भी लम्बे समय से राजनीति में सक्रिय है. दोनो लोकसभा चुनाव में पहले भी किस्मत आजमा चुकी हैं. तब पार्टियां अलग थीं तो जीत से दूर रह गयीं. रीता बहुगुणा जोशी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं. उनके भाई विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वर्तमान समय में रीता जोश खुद लखनऊ कैंट सीट से विधायक हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में पर्यटन मंत्री का ओहदा संभाल रही हैं. केशरी देवी पटेल के बेटे दीपक पटेल विधायक रह चुके हैं. केशरी देवी को जिला पंचायत चलाने का लम्बा अनुभव है. करीब दो दशक से वह जिला पंचायत में सक्रिय हैं और चार बार इस कुर्सी को संभाल चुकी हैं. सत्ता परिवर्तन से अविश्वास प्रस्ताव में उन्होंने कुर्सी गंवाई है तो सत्ता हाथ में आते ही उस पर कब्जा भी जमाया है. संभव है कि इसमें से किसी एक को केन्द्र सरकार में कोई बड़ा ओहदा भी मिल जाय.

पहली बार जीती थीं कमला बहुगुणा

1977 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर कमला बहुगुणा ने जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राम पूजन पटेल को रिकार्ड 122352 मतों के अंतर से पराजित किया था. वह इस संसदीय सीट से वोट के मामले में पहला बड़ा रिकार्ड था.

केशव ने तोड़ा था कमला का रिकार्ड

1977 के इस चुनावी जीत का रिकॉर्ड कई साल तक कायम रहा. भाजपा काशी प्रांत के मीडिया सह संयोजक मृत्युंजय तिवारी के मुताबिक कमला बहुगुणा का रिकार्ड 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्या ने तोड़ा था. केशव मौर्या ने 308308 मतों के रिकार्ड अंतर से जीत हासिल की थी.

इलाहाबाद संसदीय सीट

आजादी के बाद 1991 में हुए संसदीय चुनाव में इलाहाबाद संसदीय सीट से जनता दल ने सरोज दुबे को टिकट दिया था. इसमें उन्होंने श्यामाचरण गुप्ता को एक लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था.

पहली बार भाजपा ने खेला दांव

भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने पहली बार प्रयागराज की इलाहाबाद सीट से डॉ. रीता बहुगुणा जोशी और फूलपुर संसदीय सीट पर केशरी देवी पटेल को प्रत्याशी बनाकर स्थानीय नेताओं सहित दूसरी पार्टियों को भी चौंका दिया था.

कॉलिंग

आजादी के बाद से लेकर पिछले चुनाव तक किसी भी पार्टी ने एक साथ महिलाओं को उम्मीदवार नहीं बनाया था. पहली बार ऐसा हो रहा है कि प्रयागराज में भाजपा ने रिकार्ड बनाने का काम किया है.

-नरेन्द्र देव पांडेय, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा

पहला शुभ कार्य सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज करके किया था. दूसरा महत्वपूर्ण कार्य भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने दोनों सीट पर महिला प्रत्याशियों को उतारकर किया है. यह जीत प्रयागराज के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गई है.

-मृत्युंजय तिवारी, मीडिया सह संयोजक भाजपा काशी प्रांत