सबसे पहले खरीदना:
अक्सर लोग नए स्मार्टफोन के रिलीज होते ही उसे सबसे पहले खरीदने का प्लान करने लगते हैं। कई लोग तो उसके रिलीज होते ही उसकी बुकिंग आदि करा देते हैं। जबकि कई बार यह एक बड़ी गलती साबित होती है। रिलीजिंग स्मार्टफोन और डिलीवरी वाले में बड़े धोखे हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप स्मार्टफोन खरीदने जा रहे हैं तो रिलीज के बाद उसके लॉन्च होने तक का इंतजार करें। कंपनियां अपने मानकों के मुताबिक रिलीजिंग के 12 महीने के अंदर स्मार्टफोन उतार देती हैं। ऐसे में इस बीच आपको स्मार्टफोन के बारे में हर जानकारी अच्छे से मिल जाएगी।

फीचर्स का न होना:
अक्सर लोग स्मार्टफोन खरीदते समय अपने वर्तमान की जरूरत को ध्यान में रखते है। वे यह भूल जाते हैं कि हो सकता दो दिन बाद उनका काम बढ़ जाए। इसलिए हमेशा याद रखें कि स्मार्टफोन लेते समय इंटरनल स्टोरेज बेहतर होना चाहिए। इंटरनल स्टोरेज कम होने से आपको डाउनलोडिंग करने से पहले कई बार सोचना होगा। इसलिए बाजार में आज 4 जीबी, 8 जीबी, 16 जीबी, 32 जीबी, 64 जीबी और 128 जीबी इंटरनल स्टोरेज वाले स्मार्टफोन मौजूद हैं। हालांकि आप एसडी कार्ड से भी काम चला सकते हैं।

ऐप का न होना:
कई बार स्मार्टफोन खरीदते समय लोग उन ऐप पर ध्यान नहीं देते जो उन्हें जरूरी होते हैं। आज मार्केट में गूगल का एंड्रॉयड, ऐप्पल का आईओएस, माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज मोबाइल और ब्लैकबेरी ओएस 10 जैसे कई स्मार्टफोन मौजूद हैं। जिनमें गेम से लेकर कई हाईटेक ऐप होने से इनकी डिमांड भी हैं लेकिन कुछ चीजों में ये आज भी मात खा जाते हैं। बहुत से ऐसे ऐप हैं जो एक आम कस्टमर की जरूरत के मुताबिक नही हैं। ऐसे में अगर आप अपनी जरूरत के ऐप के मुताबिक स्मार्टफोन लेना चाहते हैं तो आप ब्रांड चेंज कर सकते हैं। आज कई बड़ी कंपनियां अच्छे स्मार्टफोन बाजार में उतार चुकी हैं।

सर्विस न देखना:
स्मार्टफोन खरीदते समय उसके कस्टमर केयर सर्विस पर ध्यान न देना बड़ी लापरवाही है। आज स्मार्टफोन कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए फोन सस्ते कीमत में पेश करती है। जिससे लोग उन्हें बढ़कर खरीदें, लेकिन जब फोन या उनका चार्जर खराब हो जाता है तो मोटी रकम वसूलने में पीछे नहीं रहती हैं। कंपनी की कस्टमर केयर पर फोन करके पहले ही उसके चार्जर-स्क्रीन रिप्लेसमेंट की कीमत के बारे में जान लें। इसके अलावा अपने आस-पास उसके सर्विस सेंटर के बारे में भी जानकारी लें लें।

स्टोर से एसेसरीज:
स्मार्टफोन के स्टोर से उसकी एक्स्ट्रा एसेसरीज खरीदना भी आपकी गलती साबित हो सकती है। जरूरत के मुताबिक की एसेसरीज तो स्मार्टफोन के साथ होती है लेकिन कई बार वहीं से उसका केस, हेडफोन, कार चार्जर भी लोग खरीदने लगते है। जबकि ये चीजें इतनी जरूरी नहीं होती हैं कि आप एक दिन भी इनके बगैर नहीं रह सकते हैं। हकीकत ये है कि स्टोर से ये चीजें खरीदने पर काफी मंहगी पड़ती हैं। जबकि ऑनलाइन मार्केट या फिर नार्मल मार्केट में ये चीजें ठीक-ठाक कीमतों में उपलब्ध हैं।

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