तिरुवनंतपुरम (एएनआई)। केरल में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच जीका वायरस संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने गुरुवार को कहा कि केरल में पांच और लोगों को जीका वायरस का पता चला है। इस तरह से राज्य में जीका वायरस के केस 28 हो गए हैं। पांच नए मामलों में से दो अनायरा से, और एक-एक कुन्नुकुझी, पट्टम और पूर्वी किले से सामने आए हैं। मच्छरों से होने वाली इस बीमारी के प्रसार को कम करने के प्रयासों के तहत तिरुवनंतपुरम नगर निगम और अन्य जिला प्रशासन ने निवारक गतिविधियों को तेज कर दिया है।

जीका वायरस क्लस्टर की पहचान की गई

जॉर्ज ने कल संवाददाताओं से कहा कि वे अगले सात दिनों तक फॉगिंग करेंगे और डीएमओ कार्यालय से एक नियंत्रण कक्ष ने काम करना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि तिरुवनंतपुरम में अनायरा इलाके के तीन किलोमीटर के दायरे में एक जीका वायरस क्लस्टर की पहचान की गई है। केरल में इस वायरस का पहला मामला 9 जुलाई को सामने आया था। मच्छर जनित वायरस को लेकर सभी जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

रोगियों को चकत्ते और बुखार की शिकायत

वहीं इस संबंध में किम्सहेल्थ अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ राजलक्ष्मी ने एएनआई को बताया कि कई लोगों ने जीका के सामान्य लक्षण जैसे बुखार, रैशेज और आंखों का लाल होना बताया है। हमें अप्रैल से रोगियों को चकत्ते और बुखार की शिकायत मिल रही थी। यह मानसून के मौसम के ठीक बाद मई के आसपास चरम पर था लेकिन उस समय कोरोना वायरस भी चरम पर था। इसलिए हम टेलीकंसल्टेशन कर रहे थे और वे ओपीडी में नहीं आए थे।

कुछ नमूने भेजे लेकिन सभी की जांच निगेटिव आई

इसके साथ ही यह भी कहा, हमने डेंगू, चिकनगुनिया और खसरा की जांच के लिए कुछ नमूने भेजे लेकिन सभी की जांच निगेटिव आई। मुझे लगता है कि कई लोगों के मामले हल्के थे और वे अस्पताल नहीं आए। सरकार ने पिछले दो दिनों के लिए परीक्षण कराया है। हम उन्हें नमूने भेज रहे हैं। हम केवल यह जान पाएंगे कि राज्य के किन इलाकों में सीरोसर्वे किया जाएगा। वहीं डॉक्टर नियास के अनुसार, जीका वायरस प्रबंधन और उपचार सरल और आसान है।

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