RANCHI: झारखंड में 24 जिलों और दो रेल जिलों को मिलाकर कुल 26 पुलिस जिले हैं, जहां पिछले एक साल में हर दिन पांच हत्याएं और दो लूट की वारदातें हो रही हैं। एक तरफ अपराधी इन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं तो दूसरी तरफ पुलिस इन लगातार हो रही घटनाओं की वजह से त्रस्त है। झारखंड पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में पिछले एक वर्ष में 1928 हत्या की घटनाएं और लूट की 665 घटनाएं सामने आयी हैं।

ज्यादातर कांड दिन के उजाले में

जिन हत्या और लूट की घटनाओं को अपराधियों ने अंजाम दिया है उनमें से अधिकतर घटनाएं दिनदहाड़े अंजाम दी गयी हैं। झारखंड में अपराधियों का मनोबल बढ़ता ही जा रहा है। वो घटनाओं को ऐसे अंजाम दे रहे हैं, जैसे उनके अंदर किसी का खौफ ही बाकी न रहा हो।

जमीन विवाद व अवैध संबंध में हत्याएं

राज्य में पिछले एक वर्ष के दौरान हुई 1948 हत्याओं में से अधिकतर हत्याएं प्रतिशोध, संपत्ति विवाद, पारिवारिक विवाद, रुपए की लेनदेन विवाद, नक्सल हत्या और अवैध संबंध के चलते हुई हैं। कुल हत्याओं में आधे से अधिक जमीन विवाद के कारण हुई हैं। इनमें जमीन कारोबारी, जमीन की दलाली करनेवाले, खरीददार और बिक्री करनेवालों के अलावा परिवार के सदस्यों द्वारा की गयी हत्याएं भी शामिल हैं। हालांकि पुलिस के अनुसार, झारखंड में अधिकतर हत्याएं छोटे-छोटे विवादों की वजह से भी होती हैं।

बेखौफ अपराधी

झारखंड में हर दिन औसतन दो लूट की घटनाएं हो रही हैं। पिछले साल में राज्य में छोटी बड़ी कुल 665 लूट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। राज्य में आर्थिक अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। अपराधी बेलगाम हो गये हैं। अपराधी बेखौफ होकर लूट की घटनाओं को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग रही।

निशाने पर बैंक व एटीएम

हाल के महीनों में अगर देखें तो झारखंड में अपराधियों के निशाने पर मुख्य रूप से बैंक और एटीएम रहे हैं, जहां अपराधी दिनदहाड़े बैंक लूट की घटना को अंजाम दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर एटीएम तोड़कर रुपए की चोरी भी की जा रही है।