हाउसफुल हो गए आधा दर्जन से अधिक बाढ़ राहत शिविर

क्षमता से अधिक लोगों के रुकने से अधिकारियों का बढ़ा सिर दर्द

PRAYAGRAJ: बाढ़ राहत शिविरों में कैपेसिटी से ज्यादा पब्लिक के आ जाने से स्थितियां जटिल होने लगी हैं। प्रशासन के लिए इसे मैनेज करना चैलेंजिंग हो गया है। केन्द्रों से पब्लिक को लौटाया भी जाने लगा है।

आनन-फानन में खोला रानी रेवती देवी

गंगा-यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी शनिवार को भी जारी रही। जिसके चलते राहत शिविरों में लोगों के आने का क्रम जारी रहा। शहर के 13 राहत शिविरों में 3500 लोग शरण ले चुके हैं। यह डाटा नाश्ता और खाता वितरण से लिया गया है। शुक्रवार को खोले गए राजापुर के कृष्णा गार्डेन में रात तक तिल रखने की जगह नही थी। यहां कुल 502 लोग आ चुके थे। इसके चलते शनिवार सुबह प्रशासन को मिंटो रोड स्थित रानी रेवती देवी स्कूल को खोलना पड़ा। यहां पर बाढ़ पीडि़तों को प्रवेश दिया जा रहा था। कैंट हाईस्कूल, ऋषिकुल विद्यालय, स्वामी विवेकानंद आदि में नए लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है ।

यहां पर रुकने को तैयार नही लोग

आधा दर्जन शिविरों में जरूरत से अधिक लोग रह रहे हैं तो कुछ शिविर ऐसे भी हैं जहां लोग रुकना ही नही चाहते। इनमे अधिकतम शिविर शहर दक्षिणी के हैं। शहर दक्षिणी के पीडि़त परिवार भी राजापुर और सलोरी के शिविरों का रुख कर रहे हैं। इन शिविरों में कुल मिलाकर बमुश्किल 500 पीडि़त ़िमल़ स़़कत़े हैं। लोगों को यहां भेजा जा रहा है लेकिन वह आने को तैयार नही हैं। शिविरों के ठसाठस भरा होने की वजह से यहां के पीडि़तों को भरपूर सुविधाएं मु़हैया कराने में भी दिक्कत हो रही है। बहुत से पीडि़तों को राहत सामग्री और पंजीरी आदि सामान उपलब्ध नही कराया जा सका है।

इन शिविरों में है हाउसफुल

शिविर का नाम परिवारों की संख्या लोगों की संख्या

ऋषिकुल स्कूल 83 411

स्वामी विवेकानंद 24 122

कैंट हाइस्कूल 193 1005

महबूब अली 65 311

एनीबेसेंट स्कूल 111 525

उमराव सिंह 60 250

प्राइमरी स्कूल राजापुर 46 175

कृष्णा गार्डेन 144 502

यहां खाली पड़े शेल्टर

चेतना ग‌र्ल्स 15 75

जमुना क्रिश्चियन 12 50

करामत की चौकी 1 3

बालूघाट करेलाबाग 3 7

एमएल कांवेंट तेलियरगंज 4 25

बॉक्स

दस हजार के चक्कर में लगी है भीड़

यह भी बताया जा रहा है कि मुआवजा की चाह में भी शेल्टर्स में भीड़ लगी है। कुछ लोगों ने यह रयूमर फैला दिया कि सीएम ने शेल्टर में रहने वालों को दस हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। इसलिए जिनका घर पानी में डूबा नही है वह भी शेल्टर्स में जमावड़ा लगाए हैं। आफिशियली दस हजार देने जैसी कोई बात सामने नही आई है। इसे अफवाह बताया जा रहा है।

शेल्टर्स में भीड़ अधिक है। जो लोग ज्यादा हैं उनको प्रशासन को दृसरे केंद्रों पर भेजना चाहिए। अधिक लोगों के होने से कई तरह की दिक्कतें पेश आ रही हैं।

रिंकू खातून

प्रशासन को अधिक संख्या में राहत केंद्र खोलने चाहिए। जिससे सभी को सुविधा प्राप्त हो सके। कम जगह पर अधिक लोग रहने से बीमारियां भी फैलती हैं।

मीना

खाना वितरण में काफी दिक्कत आती है। सभी को जल्दी भोजन नही मिल पाता। कुछ स्कूल खाली पड़े हैं जबकि कुछ जगहों पर जरूरत से अधिक भीड है।

रीता