-उप मुख्यमंत्री ने सीतामढ़ी में की राहत कार्यों की समीक्षा

MUZAFFARPUR/PATNA: कोसी-सीमांचल के बाद अब उत्तर बिहार के अधिसंख्य जिलों में बाढ़ की स्थिति सामान्य होने लगी है, लेकिन मधुबनी के बेनीपट्टी और दरभंगा के जाले व केवटी में बागमती और अधवारा समूह की नदियों का पानी दर्जनभर से अधिक गांवों में प्रवेश कर गया है। कोसी और सीमांचल की नदियों में आई बाढ़ का पानी अब घटने लगा है। कोसी और सीमांचल के जिलों में शनिवार को सात लोगों के डूबने की सूचना है। उधर, पूर्वी चंपारण के विभिन्न क्षेत्रों में पानी में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई.पूर्वी चंपारण में गंडक, सिकरहना समेत सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। घरों से पानी निकलने के साथ जन जीवन सामान्य होने लगा है। सीतामढ़ी में बागमती, लखनदेई, लाल बकेया और अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। बताया गया कि रुन्नीसैदपुर, पुपरी और बाजपट्टी में अब भी हालत गंभीर है।

राहत कार्यो की समीक्षा की

दूसरी ओर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सीतामढ़ी समाहरणालय पहुंचकर बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों और राहत शिविरों का जायजा लेने के साथ पीडि़तों तक राहत पहुंचाने का निर्देश दिया।

पानी के बीच फंसी जिंदगी

पूर्णिया जिले परमान, सौरा, महानंदा आदि नदियों के पानी में कमी आई है, लेकिन पीडि़तों की जिंदगी पानी व धूप के बीच फंसी नजर आ रही है। सैकड़ों परिवारों का सबकुछ तबाह हो गया। बाढ़ पीडि़त पिछले आठ दिनों से पॉलीथिन के नीचे रहने को विवश हैं। कटिहार में भी नदियों का पानी घटा है। महानंदा नदी अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। किशनगंज में भी महानंदा, मेची व कनकई आदि नदियों के पानी में कमी आई है। निचले इलाकों से भी पानी निकलने लगा है। बकरा, नूना, परमान सहित अन्य नदियों का पानी घट रहा है।