PATNA: भीषण बारिश के थमने के बाद अब नदियों के रिकार्ड जलस्तर के कारण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जलजमाव की स्थिति में सुधार बेहद धीमी गति से हो रहा है और प्रभावित इलाकों में महामारी की आशंका से लोगों की जान सांसत में हैं। पटना से सटे गंगा समेत अन्य सभी नदियां का रिकार्ड जलस्तर पर हैं तो सोन, पुनपुन में जलस्तर खतरे के निशान से उपर बह रही है। पटनाइट्स की मुसीबत कम नहीं हो रही है, जलजमाव के कारण वे तमाम समस्याओ से घिरे हुए हैं। जमा पानी अब सड़ने लगा है और बदबू-सड़ांध से लोगों का जीना मुहाल है।

खतरे के निशान से उपर नदियां

सोमवार को पुनपुन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2.91 मीटर उपर बह रहा था। यह अभी भी खतरे के निशान से उपर बह रहा है। इससे पहले 1976 में इस नदी का जलस्तर 53.91 मीटर रिकार्ड किया गया था। जबकि खतरे का निशान 50.80 मीटर है। इसी प्रकार, दरधा नदी भी खतरे के निशान से उपर उफन रही है। दरधा नदी का जलस्तर 1978 का रिकार्ड तोड़ दिया है। उधर, पुनपुन में बढे़ जलस्तर को लेकर रेलवे की ओर से सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यह रेल पुल के पास तक पहुंच गया है। यहां से ट्रेन धीमी गति से जा रही है। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से नदियों के बढ़े जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। हर घंटे एक सेमी बढ़ रहा पुनपुन का जलस्तर

पटना के करीब पुनपुन नदी का जलस्तर प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, मंगलवार की शाम नदी का जलस्तर 53.82 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो खतरे के निशान से 2.50 मीटर ऊपर है। पुनपुन नदी घाट का सर्वाधिक जलस्तर 1976 में 54.59 मीटर रिकॉर्ड किया गया था जिससे नदी महज 68 सेंटीमीटर नीचे है। फिलहाल नदी के उतर दिशा में पटना बचाओ सुरक्षा बांध पूरी तरह सुरक्षित है।

महामारी के खतरे से हलकान

पांच दिनों बाद भी कई इलाकों से बारिश का पानी नहीं निकाला जा सका है। निगम जलनिकासी की व्यवस्था मे विफल हो चुका है और लगातार जलजमाव के कारण कॉलोनियों में महामारी का भय सता रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफाइड और जल जनित तमाम बीमारियों से खतरा है। उधर, आईएमए, बिहार से मिली जानकारी के अनुसार जलजमाव वाले इलाकों में स्पेशल कैंप मुजफ्फरपुर और भागलपुर में हो चुका है। अब पटना में भी प्रभावित इलाकों में कैंप किया जाएगा।

डेंगू का ज्यादा खतरा

आईएमए, बिहार ब्रांच के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डॉ अजय कुमार ने बताया कि पटना में लगातार जलजमाव की स्थिति को देखते हुए डेंगू का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए लोगों को अपने आस-पास पानी जमा होने से रोकना होगा। छत, छत पर पडे़ टायर, डिब्बे, गमले और कंटेनर आदि में पानी जमने न दें। शरीर को पूरा ढंक कर रखें। इसके अलावा, पीने उबाल कर पीये। यदि सप्लाई पानी है तो उसे क्लोरीनेट कर ले।

सिटी के इलाकों में संकट

पटना सिटी के तमाम इलाकों में जलजमाव का जबरदस्त संकट बना हुआ है। इसके बावजूद यहां न तो जनप्रतिनिधि और न ही स्वंयसेवी संस्थाओं से ही मदद मिल रही है। निगम की ओर से जलनिकासी का काम बस कहने को है। मंगलवार दोपहर तक यहां के वार्ड नंबर 60, 62 के अधिकांश हिस्सों में तीन से चार फीट पानी सड़क से लेकर घरों तक पहुंचा हुआ है। वार्ड 60 का दुरुक्षी गली, मोहनपुरा, लाला टोला जबकि वार्ड 62 में मंगल तालाब, जीरा पर, दुन्दी बाजार, गुरु गोविंद पथ, वाचस्पति नगर, आईडीएच कॉलोनी और महात्मा गांधी सेतू के दक्षिण के इलाकों में भयंकर जलजमाव की स्थिति है।