-सीएम बोले, बाढ़ पीडि़तों को तत्परता से दी जा रही हर संभव सहायता

PATNA: मंगलवार को विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ की ताजा स्थिति और सरकार द्वारा अबतक किए गए कार्यो के बारे में सदन को बताया। सीएम ने कहा कि बाढ़ की आपदा से पीडि़त लोगों को तत्परता के साथ हर संभव सहायता मुहैया कराई जा रही है। सभी डीएम को मुस्तैदी से राहत और बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए गए हैं। अभी जुलाई में ही बाढ़ की गंभीर स्थिति है। विगत वर्षो के अनुभव के आधार पर कह सकते हैं कि प्रदेश में सामान्यत: अगस्त में बाढ़ आती है। परन्तु स्थिति से निपटने की हमारी तैयारी पूरी है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ से प्रदेश के 12 जिलों के 78 प्रखंडों में स्थित 555 पंचायत प्रभावित हैं। 25,71,600 लोग बाढ़ से

प्रभावित हैं।

बचाव के लिए 26 रेस्क्यू टीमें तैनात

सीएम ने सदन को बताया कि राहत और बचाव कार्य के लिए 796 मानव और 125 मोटरबोट के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 टुकडि़यां तैनात की गई हैं। इनके द्वारा अबतक 1.25 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला गया है। सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया(स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिज्योर) बनाई गई है।

हर पीडि़त परिवार को छह हजार

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ प्रभावित हर परिवार को छह हजार रुपए दिए जाएंगे। यह राशि उनके बैंक खाते में सीधे पब्लिक फिनांस मैनेजमेंट सिस्टम(पीएफएमएस) के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी। 2017 में आई भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों को राशि देने में बैंकों द्वारा काफी विलंब किया गया था। इसी के मद्देनजर इस बार पीएफएमएस के माध्यम से सीधे राशि देने का निर्णय लिया गया है।

335 ग्रामीण पथ क्षतिग्रस्त

सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में अपने वक्तव्य में बताया कि बाढ़ से 335 ग्रामीण पथ क्षतिग्रस्त हुए हैं। यह संख्या बढ़ भी सकती है। सभी क्षतिग्रस्त पथों को जलस्तर कम होते ही आवागमन योग्य बनाया जाएगा। पथ निर्माण विभाग को संपर्क से कटे हुए स्थलों पर अविलंब संपर्क बहाल करने का निर्देश दिया गया है। 2017 में अररिया जिले में एनएच 327ई पर गोरैया के निकट पुल क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसको नया बनाने के लिए एनएचएआइ से स्वीकृति मिलने में विलंब हुआ। फिलहाल इस पुल स्थल पर बेली ब्रिज बनाकर आवागमन चालू करने का निर्णय लिया गया है।