- बेहद धीमी गति से हो रहा चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के विस्तारीकरण का काम

- कार्यस्थल के पास भारी टै्रफिक के बावजूद नहीं होता सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम

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VARANASI

एनएच-2 पर चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। फैक्ट यह है कि ढाई साल ज्यादा समय बीत गया। लेकिन महज 53 फीसदी ही काम पूरा हो सका है। यह स्थिति तब है, जबकि इसकी मियाद कई बार बढ़ाई गई। लेकिन कार्यदायी संस्था राज्य सेतु निगम के अफसरों की लापरवाही और सुस्ती से काम अपेक्षित गति से नहीं चल रहा है। बेहद व्यस्त इस मार्ग पर सिक्योरिटी के मुकम्मल इंतजाम भी नहीं हैं। इसका नतीजा है कि मंगलवार को यहां बड़ा हादसा हो गया।

रोड किनारे रखे लोहे के स्क्रैप

बेहद व्यस्त रहने वाले इस मार्ग पर रोडवेज से कैंट रेलवे स्टेशन के आगे तक रोड किनारे लोहे के स्क्रैप रखे गए हैं। जिससे आए दिन टकराकर लोग चोटिल होते रहते हैं। बड़े हादसों की भी आशंका बनी रहती है। स्थानीय लोगों ने कई बार कार्यदायी संस्था के अफसरों से शिकायत की। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। यही नहीं, कैंट रेलवे स्टेशन के सामने तो सालों से लोहे की शीट से रास्ता बंद कर दिया गया है कि यहां सड़क पार करना बेहद मुि1श्कल है।

पीडब्ल्यूडी दे चुका है चेतावनी

दरअसल, एनएच-2 पर मोहनसराय से कैंट तक 20.60 करोड़ की लागत से रोड का चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण होना है। काम शुरू करने से पहले पीडब्ल्यूडी ने राज्य सेतु निगम को चेतावनी दी कि जल्द काम पूरा कर लें, ताकि सड़क निर्माण में कोई दिक्कत ना आने पाए। लेकिन काम अपनी गति से ही चलता रहा। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर्स ने कमिश्नर समेत विभागीय अफसरों से भी इस बाबत पत्राचार किया। लेकिन अब तक निर्माण शुरू नहीं हो पाया।

लेबर आपूर्ति करते हैं ठेकेदार

फ्लाईओवर का निर्माण राज्य सेतु निगम करवा रहा है। लेकिन रा-मैटेरियल और लेबर आपूर्ति का टेंडर ठेकेदारों को दिया गया है। सूत्रों की मानें तो ठेकेदार पैसा बचाने के चक्कर में निर्धारित से कम मजदूरी पर लेबर लाते हैं। जिससे काम पूरी गति से नहीं चल पाता है। कई बार प्रशासनिक अफसरों ने निरीक्षण के दौरान इसको लेकर सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर को कार्रवाई की चेतावनी भी दी। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो जिस समय हादसा हुआ। उस समय बीम के एलाइनमेंट (सीधा करने का काम) चल रहा था।

चेतावनी का भी असर नहीं

करीब छह महीने पहले बनारस दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के विस्तारीकरण कार्य का निरीक्षण किया था। उन्होंने काम की धीमी गति देखकर उसे जल्द पूरा करने का निर्देश दिया था। साथ ही अफसरों को काम में लापरवाही न बरतने के लिए चेतावनी भी दिया था। कमिश्नर और डीएम ने तो न जाने कितनी बार काम तेजगति और सुरक्षित तरीके से काम करने का निर्देश दिया। लेकिन कार्यदायी संस्था के अफसरों ने चेतावनी भी नजरअंदाज कर दी।

एक नजर

- अक्टूबर 2015 में हुआ था चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के विस्तारीकरण का शिलान्यास

- 1710 मीटर होना है निर्माण

- 30 महीने में पूरा होना था काम

- 77.41 करोड़ है लागत

- 63 पिलर बनने हैं फ्लाईओवर के

- 45 पिलर हो चुके हैं तैयार

- 30 जून तक पूरा करना था प्रोजेक्ट

- 31 दिसम्बर तक बढ़ी समय सीमा