- सीबीआरआई की 32 पेज की रिपोर्ट में सामने आयीं हादसे की वजहें

- इंजीनियरों ने ठेकेदार पर छोड़ा सारा काम, ठेकेदार ने की मानकों की अनदेखी

कैंट फ्लाईओवर हादसे में आशंकाएं सच साबित हुई। जांच रिपोर्ट के मुताबिक पुल हादसे की वजह विभागीय इंजीनियरों की लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी थी। मगर सच थोड़ा डरावना है। कैंट क्षेत्र को जाम से मुक्ति दिलाने और लाखों लोगों को लाभान्वित करने वाली योजना के काम में लगे लोगों ने जनता के 7741.47 लाख रुपये के बजट का किस कदर दुरुपयोग किया। यह भी रिपोर्ट से साफ हो गया है। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस की विवेचना भी आगे बढ़ी है।

बिना सपोर्ट हो रहा था काम

आईआईटी रुड़की की सीबीआरआई (सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) ने घटनाक्रम की जांच के बाद 32 पेज की रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी है। रिपोर्ट में लापरवाही के कई बिंदुओं को एक-एक कर बताया गया है। सबसे बड़ी बात कि पिलर नंबर 79 और 80 के बीच बीम नंबर जी-3 पर हादसे के दिन बेयरिंग लगाने का काम हो रहा था। और इस दौरान अगल-बगल के बीम पर किसी तरह का सपोर्ट नहीं लगाया गया था। इसी दौरान जी-4 और 5 बीम खिसकी और 15 लोग असमय काल के गाल समा गए।

नहीं किया सेफ्टी ऑडिट

सीबीआरआई की रिपोर्ट में यह तथ्य भी सामने आया कि पिलर पर लोड ट्रांसफर (नए बीम रखने) के बाद इनका सेफ्टी ऑडिट तक नहीं किया गया। जबकि नियम यह है कि भारी लोड रखने के बाद पिलर की स्थिति की जांच की जाती है कि कहीं इनमें किसी तरह की दरार तो नहीं पड़ी। लापरवाही की एक और नजीर सामने आई जब पता चला कि 79 से पहले के पिलरों पर रखे गए बीम भी बिना बांधे यूं ही छोड़ दिए गए थे।