आर-पार की लड़ाई के आसार

 एयू में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बीच स्टूडेंट लीडर्स के भी पूरी तरह से मोर्चा खोल देने के बाद आर-पार की लड़ाई के आसार नजर आ रहे हैं। एक तरफ जहां एफओ एयू से इस्तीफा देकर निकलने का पूरी तरह से मन बना चुके हैं। वहीं छात्रनेता इस बात पर अड़ गए हंैं कि सरकारी धन के सही हिसाब-किताब के बगैर उन्हें बाहर न जाने दिया जाए। फिलहाल इस पूरी उठापटक के बीच एयू एडमिनिस्ट्रेशन बैकफुट पर नजर आ रहा है। सभी इस गंभीर मसले पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

कुलपति और रजिस्ट्रार को सौंपा पत्र

बता दें कि एफओ पीके सिंह ने स्टूडेंट लीडर राणा यशवंत प्रताप सिंह आजाद पर आरोप लगाया है कि इस छात्रनेता ने उन्हें फोन करके कई बार अभद्रता की वहीं राणा का कहना है कि कैम्पस में प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से लगे गार्डों एवं मालियों को पिछले कई माह से सैलरी का भुगतान नहीं किया जा रहा। राणा ने इन इम्प्लाइज के पीएफ एकाउंट की धनराशि को हड़पे जाने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने इसी गड़बड़ी की जानकारी के लिए एफओ को फोन किया था। इस आशय का पत्र उसने थर्सडे को वाइस चांसलर एवं रजिस्ट्रार को भी सौंप दिया है। फिलहाल तो एफओ इस छात्रनेता के खिलाफ एफआईआर पर डटे हैं। गौरतलब हो कि एयू में जिस मसले को लेकर घमासान का दौर चल रहा है। उसे कई मौकों पर आई नेक्स्ट ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

पहले भी कर चुके हैं इस्तीफे की पेशकश

उधर, एयू कैम्पस में कई तरह की चर्चां का बाजार गर्म है। चर्चां में कहा जा रहा है कि एफओ के इस्तीफे की केवल यही वजह नहीं है। बल्कि एडमिशन के पैसे, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की सैलरी सहित कई तरह के भारी भरकम भुगतान का उनपर दबाव था। जिसे लेकर एक अन्य आफिसर और कुछ टीचर्स से उनकी रार भी जगजाहिर है। जिसे लेकर वह पहले भी कई बार अपने इस्तीफे की पेशकश वीसी से कर चुके हैं। लेकिन हर बार उन्हें समझा-बुझाकर शान्त कर दिया गया। बहरहाल, एफओ अब नए विकल्प की तलाश में हैं।