क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : रांची नगर निगम ने सिटी में फॉगिंग के लिए महीने भर का रोस्टर बनाया है. फॉगिंग के लिए गाडि़यां भी भेजी जा रही हैं. लेकिन सिटी के अधिकतर इलाकों में फॉगिंग का धुआं ही नहीं दिखाई दे रहा है. इससें मच्छरों का आतंक बढ़ गया है. वहीं दिन से लेकर रात तक लोग मच्छर भगाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. इसके बाद भी लोगों को मच्छरों के डंक से राहत नहीं है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि स्टोर से फॉगिंग के नाम पर जो गाडि़यां निकल रही हैं आखिर वो कहां जा रही हैं?

सिर्फ किया जा रहा आईवॉश

हर महीने निगम के अधिकारियों को दिखाने के लिए फॉगिंग का रोस्टर तो बनाया जाता है. इसके बाद पब्लिक को भी लगता है कि उन्हें मच्छरों से निजात मिलेगी. लेकिन रोस्टर के नाम पर पब्लिक का केवल आईवॉश किया जा रहा है. फॉगिंग के लिए गाडि़यां निकलकर कुछ दूर तो जाती हैं. इसके बाद वो कहां लापता हो जाती हैं किसी को पता नहीं चलता.

आधी गाडि़यों से कवर का दावा

रांची नगर निगम के पास फॉगिंग के लिए 15 गाडि़यां थीं. लेकिन इनमें से दो गाडि़यां वीआईपी के लिए रिजर्व रखा गयी हैं. जबकि पांच गाडि़यां खराब पड़ी हैं. ऐसे में सिर्फ सात गाडि़यों से पूरे वार्ड को कवर करने का रोस्टर बनाया गया है. अब सवाल यह भी उठता है कि जब सभी गाडि़यां दुरुस्त रहने के बावजूद वार्ड कवर नहीं हो पा रहे थे तो आधी गाडि़यों से पूरे वार्ड को कैसे कवर किया जाएगा?

वर्जन

रोस्टर तैयार किया गया है और गाडि़यों से हर मोहल्ले में फॉगिंग कराने के लिए कहा गया है. अगर किसी इलाके में गाड़ी नहीं जा रही है तो हमें बताएं उन इलाकों में फॉगिंग कराई जाएगी.

डॉ.किरण कुमारी, असिस्टेंट हेल्थ ऑफिसर, आरएमसी