बॉलीवुड में फॉक सॉन्‍ग का सुनहरा इतिहास

झूठ बोले कउआ काटे काले कउए से डरियो

शुरुआत करते हैं 50 के दशक में आई फिल्म मधुमती के गाने 'दइया रे दइया चढ़ गयो पापी बिछुआ'  से. फिल्म का यह गीत है तो साधारण सा लोक गीत लेकिन इसकी भड़कीली प्रस्तुति ने इसे उस दशक का सुपर हिट गाना बना दिया. आज भी यह गाना लोग गुनगुनाते हैं लेकिन अब इसका स्वरूप बदल चुका है.

 

लोक संगीत की कड़ी में आगे बढ़ें तो 60 के दशक में भी इसकी भरमार पाई गई. हर फिल्म में एक लोक गीत का होना तो उस वक्त जैसे अनिवार्य ही था. उस वक्त की ही फिल्म प्यासा में जॉनी वॉकर के तेल मालिश सॉन्ग 'सिर जो तेरा चकराए या दिल डूबा जाए'  ने लोक संगीत को एक नई दिशा दी. मजाक मजाक में यह गाना सुपर हिट हो गया और आज भी हंसी मजाक में यह गाना लोगों के मुंह में अचानक ही आ जाता है.

 

थोड़ा और आगे बढ़ने पर हम 70 के दशक में पहुंच जाते हैं. इस दशक में तो लोक गीत जैसे फिल्मी ट्रेन्ड का हिस्सा ही बन गए थे. हर फिल्म में एक उत्तेजक और भड़कीला गाना होता था. इन्ही में से एक फिल्म जो इस दशक की सुपरहिट फिल्मों मे से भी थी बॉबी का  'झूठ बोले कउआ काटे काले कउए से डरियो'  ने सिल्वर स्क्रीन पर धूम मचा दी थी. यह गाना आज भी लोग भूले नहीं है. जब भी पति के बेवफाई की बात आती है पत्नियां यही गाना गा कर अपना गुस्सा जता देती है.

बॉलीवुड में फॉक सॉन्‍ग का सुनहरा इतिहास

कहे तोसे सजना'

फोक गीत का रंग तो 80 के दशक में भी देखने को मिला. यह दशक एक नई पीढ़ी और नई लेखनी पर आधारित मूवीज का था. इस दशक की सुपर हिट फिल्म मैने प्यार किया का 'कहे तोसे सजना' गाना भी एक फोक था. फिल्म तो हिट हुई ही साथ ही यह गाना भी हिट हो गया. 

 

90 के दशक में भी फोक संगीत की खुमारी बरकरार रही. इस दशक में कई फिल्मों में बहतरीन फोक सॉन्ग सुनने को मिले लेकिन सबसे बेस्ट था अनिल कपूर और श्रीदेवी की फिल्म लम्हे का 'मोरनी बागा मा बोले'. यह गाना शादियों में लेडीज संगीत में कुछ इस तरह छाया कि आज भी इस गाने के बजते ही लड़कियों के पैर थिरकने लगते हैं. वैसे लोक गीत का यह सफर आज भी बरकरा है. भले ही इसका अंदाज बदल गया हो लेकिन आइटम सॉन्गस और रिमिक्स में इन गानों की भरमार है. कई फिल्मों में तो पुराने गानों को ही रिमिक्स बना कर डाल दिया गया जैसे. बंगले के पीछे तेरी बेरी के नीचे इनमें से एक है.

 

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