JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल की सेकेंड इयर की छह मेडिकोज गुरुवार तड़के फूड प्वाइजनिंग की शिकार हो गईं। तेज बुखार और उल्टी की शिकायत पर गुरुवार की सुबह एमजीएम हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट के लिए एडमिट कराया गया। जहां डॉ हीरा लाल मुर्मू द्वारा सभी स्टूडेंट्स का प्राइमरी ट्रीटमेंट किया जा रहा है। स्टूडेंट्स को फूड प्वाइजनिंग की जानकारी पाकर एमजीएम हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट डॉ एके सिंह व प्रिंसिपल डॉ एसी अखौरी हॉस्पिटल पहुंचे और स्टूडेंट्स की स्थिति की जानकारी ली।

यह है मामला

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में दो मेस चलता है। एक मेस में ग‌र्ल्स का खाना बनता है व दूसरे में ब्वॉयज स्टूडेंट्स का। मंगलवार की रात मेस में खाना खाने के बाद गर्ल स्टूडेंट्स अपने-अपने कमरे में सोने चली गयी थीं। गुरुवार तड़के करीब तीन बजे कुछ गर्ल स्टूडेंट्स के पेट में दर्द शुरू हो गया। फिर उल्टी के साथ-साथ तेज बुखार आने लगा। स्टूडेंट्स ने सोचा कि खुद-ब-खुद ठीक हो जायेगा, लेकिन लगातार उल्टी व तेज बुखार होने के कारण सुबह होते ही गर्ल स्टूडेंट्स को लेकर अन्य स्टूडेंट्स एमजीएम हॉस्पिटल पहुंचे, जहां उनका ट्रीटमेंट शुरू किया।

कुछ स्टूडेंट्स ही खाते हैं मेस का खाना

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसी अखौरी ने बताया कि कॉलेज में पढ़ने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स में से कुछ ही मेस में खाना खाते हैं। कुछ होटलों व कुछ खुद बनाते हैं। हो सकता है मंगलवार की शाम ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स बाहर जाकर खाना या नाश्ता कर हॉस्टल आई होंगी और वे फूड प्वाइंजन की शिकार हो गई होंगी। उन्होंने कहा कि मेस का खाना खाने से छात्राओं की तबीयत बिगड़ी होती तो मेस में क्भ्0 से ज्यादा छात्राएं खाना खाती हैं, सभी की तबीयत बिगड़नी चाहिए।

ये हुईं फूड प्वाइजन की शिकार

एंजल, रूबी, स्वाति, प्रिया, जूली व एक अन्य मेडिकल छात्रा।

स्टूडेंट्स को फूड प्वाइजनिंग होने के कारणों की जांच करने के लिए एक कमिटी का गठन किया जाएगा। जांच करने के बाद कमिटी अपनी रिपोर्ट देगी। अगर मेस संचालक दोषी हुए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर स्टूडेंट्स इनमें दोषी पाई गईं तो उनके पैरेंट्स से शिकायत की जाएगी।

-डॉ एसी अखौरी, प्रिंसिपल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज