RANCHI: जूस बेच कर किट खरीदने के लिए पैसे जुटा रही हैं महिला फुटबॉल प्लेयर्स। दरअसल, कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता और मकसद नेक हो तो हर काम में सफलता मिलती है। कुछ इसी मकसद के साथ जब किट खरीदने के लिए इन महिला फुटबॉल प्लेयर्स के पास पैसे नहीं थे, तो जूस के स्टॉल लगाने शुरू किए। आज अपने खेल के साथ-साथ परिवार की रोजी-रोटी व गरीब परिवार के बच्चों को फुटबॉल खेलने की ट्रेनिंग भी दे रही हैं।

रोजी-रोटी के साथ ट्रेनिंग की चिंता

ओटीसी ग्राउंड से लेकर कांके डैम में जूस स्टॉल लगाने वाली फुटबॉल प्लेयर सुषमा कुमारी का कहना है कि खेल और बच्चों को फुटबॉल की ट्रेनिंग देने की चाहत ने आज हम लोगों को इस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है। टीम की क्ख् फुटबॉल खिलाडियों परिनीता तिर्की, सुषमा कुमारी, अंजलि गाड़ी, दीपा गाड़ी, अंजलि मिर्धा, रौशनी टोप्पो, खुशबु कुमारी, परिनीता मिंज ने मिलकर खेल के मैदान में सुबह जूस का स्टॉल लगाने की योजना बनाई, ताकि जूस की आमदनी से उनकी रोजी रोटी चले और गरीब बच्चों की मदद भी की जा सके।

कोच दे रहे हैं इनका साथ

खेल के मैदान में इनका साथ इनके कोच अजय मुंडा दे रहे हैं। दरअसल, फुटबॉल ग्राउंड पर पसीना बहाने के बाद अपनी रोजी रोटी के लिए टीम की खिलाड़ी खूब मेहनत करती हैं और प्रैक्टिस के बाद रोज ये जूस का स्टॉल लगाती हैं। इससे न सिर्फ आमदनी हो रही है, बल्कि वो लोगों को जूस पिलाकर तरोताजा भी कर रही हैं।

ओटीसी ग्राउंड से कांके डैम पार्क

फुटबॉल खिलाड़ी सह जूस स्टॉल संचालक सुषमा कुमारी ने बताया कि टीम में क्ख् खिलाड़ी हैं। सभी की अपनी-अपनी जगह ड्यूटी बंटी हुई है। यह जूस स्टॉल सुबह म् बजे से कांके डैम पार्क और ओटीसी मैदान में लगता है। इसके अतिरिक्त मोरहाबादी मैदान में भी स्टॉल लगाया जाता है।

मॉर्निग वाकर को भी राहत

मॉर्निंग वॉक करने वालों को एलोवेरा, पुदीना, ब्राह्मी, तुलसी, आंवला, नीम, करैला, बेलपत्र, हल्दी, चिरैता, अर्जुन छाल और आम के जूस उपलब्ध कराए जाते हैं। फुटबॉल खिलाडि़यों ने दिखा दिया कि वो मेहनत के बल पर जिंदा हैं। चाहे फुटबॉल मैदान हो या जूस सेंटर। उनकी पॉजिटिव सोच इस पेशे में भी सफलता दिला रही है

क्वोट

खिलाडि़यों के मामले में सरकार की नियत ठीक नहीं है। इसलिए ये खिलाड़ी जूस बेचने के लिए मजबूर हैं।

-अजय मुंडा, कोच, फुटबॉल