RANCHI रहने को घर नहीं सोने को बिस्तर नहीं, अपना खुदा है रखवाला है अब तक उसी ने है पाला नब्बे के दशक में संजय दत्त और पूजा भट्ट अभिनीत महेश भट्ट की ब्लॉकबस्टर फिल्म सड़क में यह गाना फुटपाथ पर जिंदगी को लेकर ही गाया गया था। 13 साल पुराने सलमान खान के हिट एंड रन मामले में सजा और तुरंत मिली बेल से एक बार फिर फुटपाथ पर सो रहे लोगों की सुरक्षा पर बहस छिड़ गई है। ऐसे में रांची शहर में फुटपाथ पर जिंदगी बिता रहे सैकड़ों लोगों का हाल जानने के लिए आई नेक्स्ट ने देर रात से लेकर सुबह तक जायजा लिया। फुटपाथ पर सो रहे लोगों के दुख-दर्द को जानने की कोशिश की।

अब तो यहीं जीना, यहीं मरना है

स्पॉट: सिरमटोली से स्टेशन जाने वाली सड़क

टाइम: दिन के तीन बज रहे

भीषण गर्मी के बीच सिरमटोली से स्टेशन जाने वाले रोड के फुटपाथ पर पेपर बिछा कर सो रहे एक बुजुर्ग कैमरा का फ्लश चमकते ही उठ जाते हैं। रिपोर्टर के सवाल का जवाब देते हुए वह बताते हैं कि नाम बिरसा उरांव है। इसके बाद पास ही रखे कपड़े और गंदे बर्तन की ओर इशारा करते हुए बताते हैं कि यही मेरा घर है। सालों से इसी फुटपाथ पर जिंदगी कट रही है। यहीं पर रहना, खाना, सोना, नहाना सब कुछ होता है। चाहे कोई भी मौसम हो यही फुटपाथ उनका ठिकाना है। काम के बारे में पूछने पर वह कहते हैं कि रिक्शा चलाता हूं। लेकिन, अभी बूढ़ा हो गया हूं, इसलिए डेली नहीं चला पाता। एक-दो दिन छोड़ कर रिक्शा चलाता हूं। क्या आपको पता है कि सरकार ने आप लोगों के लिए रैन बसेरा बनाया है। वह कहते हैं कुछ नहीं। हम गरीब हैं, हमारा यहीं पर जीना और मरना है।