सात से होगा इंटरव्यू

पार्टी कंडीडेट चुनने के लिए इंटरव्यू का सिलसिला आगे भी जारी रखेगीपहले 5 फरवरी से इंटरव्यू की प्रकिया शुरू करने की योजना थी, लेकिन यूपी दूरदराज इलाकों से आने वाले लोगों को लखनऊ पहुंचने के लिए पर्याप्त समय देन के मकसद से अब इसे सात फरवरी से किया जा रहा है.

पैनल का किया गठन

आप ने इंटरव्यू के लिए एक पैनल का गठन किया गया है जो गुरुवार को इंटरव्यूअर को ट्रेनिंग देगाइस पैनल में सेंट्रल टीम के संजय सिंह व अन्य लोगों को रखा गया है.

आए हजारों आवेदन

आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक केमुताबिक यूपी से लोकसभा उम्मीदवार बनने केलिए 1368 आवेदन पत्र आए थे जिसमें से 60 प्रतिशत के आवेदन में जानकारी अधूरी हैबाकी चालीस प्रतिशत सही पाए गए हैंलेकिन सबको इंटरव्यू के लिए एक साथ नहीं बुलाया जा रहाअभी करीब 700 लोगों को कॉल किया है जिनका शुक्रवार को स्क्रीनिंग कमेटी इंटरव्यू लेगीआप के एक सीनियर नेता ने साफ किया कि यह इंटरव्यू का पहला राउंड हैइसके बाद भी दूसरे कैंडीडेट्स के इंटरव्यू जारी रहेंगे.

दिल्ली चुनाव से अलग होगी कैंडीडेट की स्क्रीनिंग

दिल्ली चुनाव में आप ने कंडीडेट के चुनाव के लिए जो प्रक्रिया अपनाई है लोकसभा में वह अलग होगादिल्ली चुनाव में 4-5 शॉर्टलिस्ट किए हुए कैंडिडेट की जानकारी वेबसाइट में डालकर उनके बारे में फीडबैक लिया जा रहा थालेकिन इस बार आवेदकों के बारे में वेबसाइट में डालकर लोगों से राय मांगी जाएगीयह प्रकिया इंटरव्यू के बाद शुरू होगीफिर स्क्रीनिंग कमेटी जिन लोगों को शॉर्ट लिस्ट करेगी उनमें से फाइनल कैंडिडेट का चयन पॉलिटिकल अफेयर कमेटी करेगीजिसमें मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल, योगेन्द्र यादव, कुमार विश्वास, संजय सिंह व एक अन्य सदस्य है.

इंटरव्यू के बाद न समझे फाइनल

जिन लोगों को अभी इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया है, उन्हें बाद में बुलाया जाएगाइसलिए जो लोग सात फरवरी को इंटरव्यू के लिए आ रहे हैं वह कतई न सोंचे कि इनमें से ही कैंडीडेट फाइनल होना हैपार्टी ने पहले ही ऐलान किया है कि जब तक किसी सीट से कैंडिडेट का ऐलान नहीं हो जाता तब तक हम उस सीट के लिए आवेदन लेते रहेंगेकुछ फॉर्म कंपलीट हैं, लेकिन काफी फॉर्म ऐसे हैं जो पूरे नहीं हैंआवेदक को उस लोकसभा सीट के तहत आने वाली हर विधानसभा क्षेत्र से 100-100 वोटरों के साइन करवा कर फॉर्म भेजना है.

आसान नहीं होगा इंटरव्यू

सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी के इंटरव्यू में चुनाव क्यों लड़ रहे हैं?, टिकट न मिला तो क्या दूसरी पार्टी में जाएंगे?, आपकी नीतियां क्या है?, कैसे अपने क्षेत्र का विकास करेंगे? भारत के अन्य देशों से रिश्ते, से लेकर पढ़ाई लिखाई, परिवार, क्षेत्र की समस्याओं तक की जानकारी ली जाएगीजो नेता जी पढ़े लिखे नहीं हैं, जिनकी क्रिमिनल हिस्ट्री है या व्यवसायी हैं उन्हें मौका मिलना मुश्किल है.

अंग्रेजी न आने से हालत खराब

लखनऊ की टीम के कार्यकर्ताओं की माने तो एक नेता जो पहले दूसरी पार्टी में हैं उन्होंने भी आवेदन किया हैजब उन्हें पता चला कि उनका इंटरव्यू लिया जाएगा तो वह भागते हुए पार्टी कार्यालय पहुंचे और पूछा कि अंग्रेजी में होगा या हिंदी में? कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि अंग्रेजी में भी पूछा जा सकता है, इसके बाद से ही वे परेशान हैंइंटरव्यू कौन लेगा इसकी भी जानकारी नहीं दी गई हैबार बार वह कार्यकर्ताओं से पूछ रहे हैं क्या पूंछा जाएगा कहीं वह न सेलेक्ट हो पाए तो क्या होगा?