लखनऊ समेत दस जेलों में जैमर

- चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने की अधिकारियों के साथ मीटिंग

- जेल से संबंधित कामों की की गयी समीक्षा

LUCKNOW: जेलों में हो रहे मोबाइल के इस्तेमाल की रोक थाम के लिए प्रदेश की दस जेलों में एक माह के अंदर जैमर लगाये जाएंगे। साथ ही खूंखार कैदियों पर कड़ी निगरानी भी की जाएगी। इसके निर्देश बुधवार को चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने जेल अधिकारियों और होम डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में दिये हैं। चीफ सेक्रेटरी ने जिलों में तैनात अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अभियान चलाकर हर माह कम से कम एक बार संयुक्त रूप से औचक निरीक्षण जरूर किया जाए।

एक माह में लगेंगे जैमर

चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि जेलों में बंद कैदियों के मोबाइल के प्रयोग की शिकायतें मिलना आम बात है। ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश के 10 संवेदनशील जेलों में एक माह के अंदर जैमर हर हाल में लगवा दिये जाएं। यह जेल हैं केन्द्रीय कारागार नैनी, जिला कारागार लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बरेली, सुल्तानपुर में जैमर आगामी एक माह के अन्दर अवश्य लगवा दिये जायें। उन्होंने कहा कि कारागारों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए प्रदेश के 23 कारागारों में सीसीटीवी सर्विलांस यूनिट जल्द से जल्द लगा दी जाएं। चीफ सेक्रेटरी ने जेलों में पीसीओ लगाये जाने की कार्रवाई भी जल्द पूरी करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही अपराधियों से सांठगांठ रखने वाले जेल कर्मियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।

मुलाकातियों के लिए िडजिटल पास

चीफ सेक्रेटरी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कैदियों से मिलने वाले मुलाकातियों की डिटेल जानकारी रखी जाए। साथ ही मुलाकातियों को डिजिटल पास ईशू किये जाएं। साथ ही जेलों में सिविल पुलिस के अलावा पीएसी के जवान तैनात किये जायें। मीटिंग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम देबाशीष पंडा, डीजीपी जावीद अहमद, प्रिंसपल सेक्रेटरी जेल आरके तिवारी, डीजी जेल डीएस चौहान समेत कई अधिकारी मौजूद थे।