lucknow@inext.co.in

LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करप्शन पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि बेईमान-भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सरकार में कोई जगह नहीं है, इन्हें तत्काल वीआरएस दे दीजिए। जिन अधिकारियों की गतिविधियां संदिग्ध हैं और जिनके विरुद्ध शिकायतें दर्ज हैं, उनकी सूची तैयार की जाए। न्यायालयों से जुड़े मामलों का त्वरित समाधान करने के निर्देश देते हुए कहा कि हमें मेरिट पर समाधान करना चाहिए। जिन अस्थाई और आउटसोर्स कर्मियों का मानदेय समय से नहीं मिल पा रहा है, उन्हें तत्काल वेतन दिया जाए। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गलती एक करता है और पूरी सरकार को कठघरे में खड़ा होना पड़ता है। उन्होंने सख्त लहजे में अधिकारियों को कार्य पद्धति सुधारने की चेतावनी भी दी।

दो साल में भी पूरा काम क्यों नहीं

गुरुवार को लोकभवन में सचिवालय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम योगी ने ई-ऑफिस की कार्य प्रगति पर असंतोष जताते हुए कहा कि दो वर्ष के बाद भी शतप्रतिशत कार्य क्यों नहीं हो पाया है। उन्होंने अधिकारियों को ई-ऑफिस व्यवस्था को तेज गति से पूर्ण करने के निर्देश दिए और सही समय पर निर्णय लेने और सख्त कार्रवाई करने को कहा। बैठक के दौरान रिक्त पदों की भर्ती के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती योग्यता के अनुसार शीघ्र ही की जाए। विधान भवन के साथ सचिवालय और सचिवालय से जुड़े समस्त भवनों में सुरक्षा और स्वच्छता की बेहतर व्यवस्था के निर्देश भी दिये। सभी सभागारों के नामकरण महापुरुषों के नाम पर करने के भी निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा करने से सभी को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही बायोमैट्रिक प्रणाली को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सचिवालय में दस्तावेजों को सुरक्षित और व्यवस्थित रखा जाए। कहा कि अधिकारी मेरिट के आधार पर समस्या का समाधान करें, ऐसा करने से लोगों के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा। उन्होंने शासकीय कर्मियों का डेटा हृयूमन रिसोर्स पोर्टल में फीड कराने को कहा ताकि उनकी सेवा संबंधी प्रकरणों का समय से निस्तारण हो सके। साथ ही आईजीआरएस की मॉनिटरिंग की उचित व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये। इस अवसर अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल के साथ विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

फोन लाने की अनुमति नहीं

सचिवालय की सुरक्षा के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में संबंधित अधिकारियों के अतिरिक्त किसी को भी फोन लेकर आने की अनुमति नहीं है। इसके लिये उन्होंने अधिकारियों को सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिये। साथ ही, अधिकारियों द्वारा लोकभवन और विधानभवन के सामने होर्डिंग और बैनर को लेकर किये गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से इनको हटाने के निर्देश दिये।

National News inextlive from India News Desk