- विदेश में नौकरी के नाम पर दो युवकों से ठगे 8-8 लाख रुपए

- कनाडा में वैकेंसी खत्म होने की बात कह भेजा सिंगापुर

- सिंगापुर की जगह प्लेन उतरा चाइना, लुटकर लौटे वापस

DEHRADUN: कनाडा में नौकरी की चाहत लिए दो युवा कबूतरबाजों के फेर में फंस गए। दोनों ने अपनी गाढ़ी कमाई के आठ-आठ लाख तो गंवाए ही, उल्टा कनाडा की जगह कबूतरबाजों ने उन्हें चाइना पहुंचा दिया। बताया जा रहा है कि दोनों को वहां बंधुवा मजदूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन वक्त रहते दोनों ने कबूतरबाजों के इरादे भांप लिए और चाइना से वापस दून लौट आए। दून पहुंचकर दोनों ने पूरा वाकया पुलिस को बताया और कार्रवाई की मांग की।

नौकरी की तलाश में थे युवा

एसएसपी से शिकायत करते हुए ग्राम डांग पटिया, हिंसरियाखाल, टिहरी गढ़वाल निवासी अनूप सिंह ने बताया कि दो साल पहले दिसंबर में वह अपने दोस्त विकास सिंह निवासी कीर्तीनगर टिहरी गढ़वाल के साथ नौकरी की तलाश में देहरादून आया। यहां एक दिन वह डीएवी पीजी कॉलेज गए जहां उन्हें यशस्वी शर्मा उर्फ सन्नीनाम का युवक मिला। यशस्वी शर्मा ने उन्हें कहा कि उसकी व उसके पिता सुरेन्द्र दत्त शर्मा की दून कन्सलटेन्ट नाम से प्लेसमैंट एंजेसी है और वह उन्हें विदेश में अच्छी नौकरी दिलवा सकता है। सन्नी के कहने पर अनूप व विकास एंजेसी के ऑफिस में जाकर सुरेन्द्र शर्मा से मिले। इन्होंने अनूप को कनाडा में नौकरी दिलवाने के एवज में कुल दस लाख रुपये(प्रत्येक से पांच पांच लाख रपये) की मांग की। इससे पहले मेडिकल व अन्य खर्च के नाम पर उन दोनों से डेढ़-डेढ़ लाख रुपये ले लिए। परन्तु रुपये लेने के बाद कहा कि कनाडा में वैकेन्सी खत्म हो गई है और अब उन्हें सिंगापुर में नौकरी दिलवाई जाएगी। वे दोनों सिंगापुर जाने को भी तैयार हो गए। इसके बाद सुरेन्द्र शर्मा ने उन्हें रजतदीप सिंह से मिलवाया। जिसने दोनों से दो-दो लाख की रुपए और लेकर उन्हें दिल्ली भिजवाया।

बंधुवा मजदूरी के िलए भेजा चीन

दिल्ली से जब वे सिंगापुर की फ्लाइट में बैठे तो उनके साथ एक धीरज गुप्ता नाम का शख्श भी गया। जब दोनों फ्लाइट से उतरे तो उन्हें पता चला कि वे सिंगापुर नहीं बल्कि चाइना पहुंचा दिए गए हैं। इसके बाद उन्हें अपने साथ धोखे का एहसास हुआ। दरअसल उन्हें बंधुवा मजदूरी के लिए चीन लाया गया था। यहां से वे दोनों धीरज गुप्ता से बचकर वापस लौट आए। दून पहुंचकर दोनों ने एसएसपी से मामले की शिकायत की और मदद की गुहार लगाई। एसएसपी ने उन्हें मदद का भरोसा दिलाया।