वन डिस्ट्रिक्ट-वन टूरिज्म में भेजा हस्तिनापुर सेंचुरी का प्रस्ताव

विदेशी पक्षियों की आगवानी में विभाग, पर्यटन विभाग की लेगा मदद

Meerut : मेरठ की हस्तिनापुर सेंचुरी में आने वाले प्रवासी पक्षी इस बार पर्यटकों को लुभाएंगे। वन विभाग प्रवासी पक्षियों की आमद के साथ ही इस एरिया को टूरिज्म स्पॉट के तौर पर विकसित करेगा। डीएफओ मेरठ ने इस संबंध में सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट-वन टूरिज्म योजना में शामिल कराने के लिए हस्तिनापुर सेंचुरी का प्रस्ताव भेजा है। इस बार सर्दी जल्दी पड़ेगी, मौसम विभाग के इस अनुमान के बाद वन विभाग ने भी प्रवासी पक्षियों की आगवानी की तैयारी शुरू कर दी है।

नवंबर के अंतिम सप्ताह तक पहुंचेंगे

हस्तिनापुर सेंचुरी की दलदली झीलों में प्रवासी पक्षियों की आमद नवंबर अंतिम सप्ताह तक आरंभ हो जाएगी। उम्मीद है कि दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह तक काफी संख्या में प्रवासी पक्षी यहां पहुंच जाएंगे। वन विभाग प्रवासी पक्षियों की आमद के साथ ही हस्तिनापुर सेंचुरी क्षेत्र में पक्षियों के सौन्दर्य और कलरव से पर्यटकों को रिझाने का प्रयास कर रहा है। बता दें कि सेंचुरी क्षेत्र में आने वाले कुछ पक्षी अरब देशों से भी आते हैं। बार हेडिड गीजए ग्रे, लेग गीज आदि पक्षी चाइना, रसिया आदि देशों से आते हैं। इन देशों में सर्दी अधिक पड़ने से पक्षियों के लिए भोजन का संकट होता है जिससे ये भारत के विभिन्न हिस्सों में खिंचे चले आते हैं। ये पक्षी हिमालय की चोटी को स्पर्श करते हुए यहां पहुंचते है। ये पक्षी फरवरी तक सेंचुरी में रहेंगे।

शासन को भेजा प्रस्ताव

डीएफओ अदिति शर्मा ने बताया कि इस मौसम में आने वाले प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए पक्षी प्रेमियों के साथ-साथ टूरिस्ट को हस्तिनापुर सेंचुरी तक लेकर आने की योजना है। इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। फंड की कमी के चलते वन विभाग प्रचार-प्रसार के लिए पर्यटन विभाग का सहारा लेगा तो वहीं हस्तिनापुर सेंचुरी को प्रमोट करने के लिए शासन स्तर पर भी कवायद की जाएगी। डीएफओ ने कहा कि मेरठ जनपद में हस्तिनापुर सेंचुरी को वन डिस्ट्रिक्ट-वन टूरिज्म स्कीम में शामिल करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।

प्रवासी पक्षियों में कई खासियत

डीएफओ ने कहा कि दिसबंर से फरवरी तक प्रवासी पक्षी लाखों की संख्या में सेंचुरी की झीलों के किनारे देखे जा सकते है। इन पक्षियों के शरीर का आकार छोटा होने के कारण बहुत फुर्तीले और तेज उड़ान भरने वाले होते हैं। जरा सी आहट होते ही परिस्थिति को भांपते हुए तुरंत उड़ जाते हैं। हस्तिनापुर वन्य जीव विहार में दलदली झीलों की भरमार होने के कारण विदेशों से लंबी यात्रा कर आने वाले पक्षी यहां रूख करते है।

ये है प्रवासी पक्षी

पाइड एवोसेट, कोटन टील, गेडवेल, मलार्ड, नोर्दन स्वालर, नोर्दन पिंटेल, गार्गेनी, कामन पोचार्ड, टपटेड पोचार्ड आदि।

ये हैं अप्रवासी पक्षी

स्पून बिल, सारस, क्रेन इंडियन स्कीमर, ब्लेक नेक्ड स्ट्रोक, यूरोशियन कर्लीव, सुर्खाब समेत अन्य कई प्रजातियों के पक्षी यहां दिखाई दे रहे है।

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वन विभाग हस्तिनापुर सेंचुरी को पर्यटन के तौर पर प्रचारित करने का प्रयास कर रहा है। वन डिस्ट्रिक्ट-वन टूरिज्म में हस्तिनापुर सेंचुरी का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है। प्रवासी पक्षियों के कलरव को इस बार पर्यटक देख सकेंगे।

-अदिति शर्मा, डीएफओ, मेरठ