देहरादून (ब्यूरो)। वन विभाग आमतौर पर यह मानकर चलता है कि फॉरेस्ट फायर की घटनाएं फरवरी के बाद ही शुरू होती हैं। यही वजह है कि वन विभाग 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन मानता है। आमतौर पर फॉरेस्ट फायर की घटनाएं छिटपुट रूप से मिड मार्च के बाद शुरू होती हैं और मई, जून में सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज की जाती हैं। लेकिन इस बार अब तक राज्यभर में फॉरेस्ट फायर की 34 घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं में 59।73 हेक्टेअर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। 3 लाख 23 हजार 250 रुपये का नुकसान हुआ है और 1 व्यक्ति आग की चपेट में आकर घायल हुआ है। देहरादून जिले में अब तक फॉरेस्ट फायर की 7 घटनाएं हुई हैं। इनमें 2 हेक्टेअर वन क्षेत्र जल गया है।

फॉरेस्ट फायर अब तक
एरिया घटनाएं प्रभावित नुकसान रुपये
देहरादून 7 2 हेक्टे 2,70,400
स्टेट 34 60 हेक्टे 3,23,250

दून में सबसे ज्यादा नुकसान
देहरादून में अब तक आग लगने के बेशक सिर्फ 7 घटनाएं हुई हैं, लेकिन इन घटनाओं में 2 लाख 70 हजार रुपये से ज्यादा का आर्थिक नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। सबसे ज्यादा नुकसान चकराता क्षेत्र में हुआ है। यहां फॉरेस्ट फायर से अब तक 2 लाख 66 हजार रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। अपर यमुना रेंज में 2400 रुपये और मसूरी रेंज में 2000 रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है।

वन विभाग का कंट्रोल फायर
इस बीच वन विभाग की ओर से कुछ जगहों पर कंट्रोल फायर की एक्टिविटीज शुरू कर दी गई हैं। देहरादून-ऋषिकेश रोड पर पिछले कुछ दिनों से लगातार कंट्रोल फायर एक्टिविटीज चलाई जा रही हैं। राज्यभर में मेन रोड से लगे अन्य क्षेत्रों में भी कंट्रोल फायर एक्टिविटीज चलाई जा रही हैं। लेकिन, दूर-दराज के जंगलों में ऐसा करना संभव नहीं है। कंट्रोल फायर में रोड के आसपास के सूखे पत्ते और सूखी घास आदि को एकत्रित कर उन्हें सुरक्षित तरीके से जला दिया जाता है, ताकि यदि रोड से गुजरने वाला कोई व्यक्ति जलती बीड़ी, सिगरेट आदि फेंक दे तो उससे आग फैलने की संभावना न रहे।

कम बारिश से बढ़ा खतरा
इस सीजन में दून सहित राज्यभर में बहुत कम बारिश और बर्फबारी के कारण जंगलों में आग का खतरा बढ़ गया है। अक्टूबर से दिसंबर तक नॉर्मल से बहुत कम बारिश होने के बाद जनवरी और फरवरी के महीनों में भी नॉर्मल से आधा से कम बारिश हुई है। राज्यभर में इन महीनों में बारिश का एवरेज सके 62 परसेंट कम हुई है। राज्य में इस दौरान सामान्य रूप से 96.9 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 36.8 मिमी ही दर्ज की गई है। देहरादून में इस दौरान 62.9 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य रूप से 107.3 मिमी बारिश होती है। यानी दून में नॉर्मल से 41 परसेंट कम बारिश हुई है।