- 4 लाख पौधे रोपने का रहता है शहर में लक्ष्य

 

- 2590 वर्ग किलोमीटर है मेरठ का कुल वन क्षेत्र

- 4 साल में उठाए कई अहम कदम

 

- 29 ग्रीन बेल्ट का किया गया निर्माण

 

- 32. वर्ग किलोमीटर है खुला वातावरण -

 

- 2.33 फीसदी वर्ग किलोमीटर है खुला क्षेत्र

 

- 34 वर्ग किलोमीटर में है माध्यम घना वन-

 

मेरठ : जहां हम खुलकर सांस ले रहे हैं, हम उस धरती के शुक्रगुजार हैं। मगर धरती के साथ हम उस पर्यावरण के भी शुक्रगुजार हैं जिसकी खुली हवाओं में हम सांस ले रहे हैं। फारेस्ट रिसर्च ऑफ इंडिया स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक 1880 से 2013 के बीच भारत का जंगल का क्षेत्र चालीस फीसदी कम हो गया है। आप और हम सभी पर्यावरण को चोट पहुंचा रहे हैं। इसके साथ मेरठ में भी पर्यावरण का बहुत बुरा हाल है।

 

संकल्प सिर्फ कागजों में

विश्व पर्यावरण दिवस पर पूरा देश पेड़ पौधे लगाने का संकल्प लेता है। इसके बाद वह संकल्प सिर्फ कागजों में ही रह जाता है। अगर देश को बचाना है तो हर व्यक्ति को एक पौधा जरूर लगाना है। पर्यावरण को बचाने के लिए वन विभाग व मेरठ विकास प्राधिकरण मिलकर शहर में वृक्षारोपण करता है।

 

ये है लक्ष्य

हर साल मेरठ में एमडीए व वन विभाग की तरफ से चार लाख पौधे व पेड़ लगाने का लक्ष्य रहता है हर साल तीन लाख से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए जाते हैं। पिछली बार वन विभाग ने अकेले ही पौने तीन लाख पेड़ पौधे लगाए थे।

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वन विभाग व एमडीए मिलकर हर साल वृक्षारोपण करता है। मेरठ में बढ़ रहे प्रदूषण से हरियाली की मुकाबला कर सकती है। हर साल चार लाख से ज्यादा पौधे व पेड़ लगाने का लक्ष्य रहता है।

मुकेश कुमार मुख्य वन सरंक्षक