एसटीएफ ने कंकरखेड़ा से पकड़े दो आरोपी, आर्मी में फर्जी भर्ती कराने का आरोप

फर्जी रैकेट को रंगेहाथों दबोचा, एक भर्ती का वसूल रहे थे 4 लाख रुपए

दोनों आरोपियों का कैंट क्षेत्र में आनाजाना, आर्मी इंटेलीजेंस के इनपुट पर कार्रवाई

Meerut। स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) मुख्यालय की इंटेलीजेंस टीम और आर्मी इंटेलीजेंस ने मंगलवार एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है। आर्मी एरिया में सक्रिय यह गैंग युवाओं को फंसाकर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर आर्मी में नौकरी के नाम पर ठगी कर रहा था। सरगना समेत पकड़े गए दो लोगों ने पूछताछ में बताया कि वे आर्मी में भर्ती के नाम पर एक बेरोजगार से 4-6 लाख रुपए तक वसूल रहे थे।

अभ्यर्थियों से धोखाधड़ी

मेरठ यूनिट के सीओ बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि एसटीएफ को विश्वस्त सूत्रों और आर्मी इंटेलीजेंस से जानकारी मिली कि मेरठ में विभिन्न पदों पर भर्ती के नाम पर अभ्यर्थियों से धोखाधड़ी की जा रही है। फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर युवाओं का ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। गिरोह के बारे में इनपुट जुटाने के बाद आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के निर्देशन में लखनऊ और मेरठ एसटीएफ ने इस केस पर काम किया। छानबीन के दौरान एसटीएफ के हाथ ऐसे 3 केस लगे जिनमें युवाओं के इस गैंग से तार जुड़ते नजर आए। एसटीएफ ने इन तीनों अभ्यर्थियों को ट्रैस कर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे इस गैंग को नौकरी के एवज में 1.50-1.50 लाख रुपए दे भी चुके हैं। 4 लाख रुपए तय हुए थे बाकी का पैसा ज्वाइनिंग लेटर मिलने के बाद दिया जाना था।

रंगे हाथों पकड़ा सरगना

युवकों ने एसटीएफ को बताया कि सोमवार को बाकी पैसा देकर ज्वाइनिंग लेटर मिलेगा। ज्वाइंिनंग लेटर देने के लिए कंकरखेड़ा में बुलाया गया है। ठगी के शिकार तीनों युवकों को साथ लेकर एसटीएफ और कंकरखेड़ा पुलिस सोमवार रात्रि करीब 10:10 बजे कासिमपुर नाला पुलिया पहुंची। यहां युवकों की निशानदेही पर पुलिस ने गैंग के सरगना अमरदीप पुत्र राजेंद्रपाल निवासी श्रद्धापुरी और राकेश पुत्र ब्रजलाल निवासी टीकाराम कॉलोनी, कंकरखेड़ा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से पुलिस ने 2 फर्जी ज्वाइंनिंग लेटर, 1 फर्जी कॉल लेटर, 2 मोबाइल फोन, 1 ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड और बाइक बरामद की है। गैंग का सरगना अमरदीप मूल रूप से पंजाब का निवासी है।

असली जैसा फर्जीवाड़ा

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि एक बार अभ्यर्थी के साथ बात पक्की होने पर एडवांस के तौर पर डेढ़ से दो लाख रुपए लेते थे। साजिश के तहत अभ्यथियों को यकीन दिलाने के लिए आर्मी की फर्जी स्टैंप बाजार से बनवाकर फर्जी कॉल लेटर तैयार किया जाता है। और डाक द्वारा अभ्यर्थियों के पते पर भेजा जाता है। अभ्यर्थी को बाकायदा मेडिकल परीक्षण के लिए बुलाया जाता है और जिला अस्पताल में परची बनवाकर इनका मेडिकल कराया जाता है।

आर्मी भर्ती का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर युवाओं को ठगने वाले गैंग का पर्दाफाश किया गया है। सरगना समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ की जा रही है, इस गैंग में शामिल अन्य आरोपियों को भी पकड़ा जाएगा।

बृजेश कुमार सिंह, सीओ, एसटीएफ, मेरठ