कानपुर। टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज माने जाने वाले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन ने कुल 20 साल टेस्ट क्रिकेट खेला। इस दौरान ब्रैडमैन ने 52 टेस्ट मैच खेले जिसमें कुल 6996 रन बनाए। इस दौरान उनका बल्लेबाजी औसत 99.94 का रहा। ब्रैडमैन अगर 4 रन और बना लेते तो उनका औसत 100 हो जाता। इस बात का सबसे ज्यादा पछतावा ब्रैडमैन के साथी खिलाड़ी रहे नील हार्वे को होता है। आज 90 साल के हो चुके हार्वे मानते हैं कि उनकी वजह से ब्रैडमैन 100 के औसत तक नहीं पहुंच पाए।

हार्वे को है आज तक पछतावा

दरअसल हुआ यूं कि अपना आखिरी टेस्ट खेलने से एक टेस्ट पहले ब्रैडमैन लीड्स मैदान पर हार्वे के साथ इंग्लैंड के खिलाफ खेल रहे। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को आखिर में जीत के लिए सिर्फ 4 रन चाहिए थे। उस वक्त ब्रैडमैन 173 रन पर खेल रहे थे मगर स्ट्राइक हार्वे के हाथों में थी। हार्वे ने चौका जड़ टीम को जीत दिलाई और ब्रैडमैन नाबाद लौटे। हार्वे को अब इस बात का पछतावा होता है कि उस दिन अगर वह ब्रैडमैन को चौका जड़ने देते तो शायद उनका साथी खिलाड़ी 100 के औसत तक पहुंच जाता। सिडनी मार्निंग हेराल्ड को दिए इंटरव्यू में हार्वे कहते हैं, 'लीड्स में लगाए उस चौके ने मुझे दोषी बना दिया। ब्रैडमैन टेस्ट क्रिकेट में 100 के औसत तक नहीं पहुंचे, इसका जिम्मेदारी सिर्फ मैं हूं। अगर मेरी जगह वो चौका लगाते तो आज इतिहास कुछ और होता।'

70 साल से गम में डूबा यह खिलाड़ी,इनकी वजह से ब्रैडमैन का औसत नहीं हो पाया था 100 का

आखिरी मैच में जीरो पर हुए थे आउट

ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के अनुसार, क्रिकेट जगत के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक डॉन ब्रैडमैन ने अपने करियर का आखिरी मैच 14 अगस्त 1948 में ओवल में खेला था। एक मैच पहले जहां वह 100 के औसत से चूक गए थे तो सभी को लगा कि आखिरी मैच में वह 4 रन तो बना ही लेंगे मगर उस दिन कुछ और होने वाला था। ऑस्ट्रेलियाई टीम पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने इंग्लैंड आई थी। पांचवां और आखिरी मैच ओवल मैदान पर खेला गया। इस मैच से पहले ब्रैडमैन को 100 के टेस्ट औसत तक पहुंचने में मात्र 4 रन की जरूरत थी। कंगारू टीम दूसरी पारी में बैटिंग करने आई। सभी की निगाहें ब्रैडमैन पर टिकी थीं। 117 रन पर एक विकेट गिरने के बाद ब्रैडमैन क्रीज पर आए, इधर यह दिग्गज बल्लेबाज स्ट्राइक पर था उधर गेंद इंग्लिश गेंदबाज एरिक होलीस के हाथों में थी। एरिक को टेस्ट खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं था, मगर उन्होंने पहले ओवर की दो गेंदों के अंदर ही ब्रैडमैन को पवेलियन भेज दिया। एरिक की दूसरी गेंद गुगली थी जिसे ब्रैडमैन भी नहीं पढ़ पाए और बोल्ड हो गए और उनका टेस्ट औसत 99.94 ही रह गया।

इस गेंदबाज के चलते ब्रैडमैन का औसत नहीं हो पाया था 100 का, आखिरी मैच में जीरो पर हुए आउट

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