रांची : पूर्व शिक्षा मंत्री और मांडर विधायक बंधु तिर्की से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में बुधवार को बचाव पक्ष की ओर से सीबीआइ के विशेष जज एके मिश्रा की अदालत में गवाही होनी थी। लेकिन गवाह के नहीं पहुंचने के कारण सुनवाई टल गई। अदालत ने गवाही दर्ज कराने के लिए 31 जनवरी की तिथि तय की है। मामला आरसी 5/10 से जुड़ा है। बंधु तिर्की ने बचाव में 60 गवाहों की सूची अदालत में पेश की है। बंधु तिर्की पर 2005 से 2009 तक मंत्री रहने के दौरान आय से 30 फीसद अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इसके अलावा 34वें राष्ट्रीय खेल में 28.34 करोड़ रुपये घोटाला और पत्थलगड़ी समर्थकों को भड़काने का भी मामला दर्ज है। तीनों मामले में वे फिलहाल सशर्त जमानत पर हैं।

2010 में सीबीआइ ने दर्ज की प्राथमिकी

आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआइ ने वर्ष 2010 में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी। मई 2013 में सीबीआइ ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर कहा था कि बंधु तिर्की के पास आय से अधिक संपत्ति तो है, लेकिन उतनी संपत्ति नहीं कि उनके विरुद्ध सीबीआइ जांच करे। बाद में अदालत के आदेश से दोबारा जांच शुरू हुई।

इधर एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने झारखंड में बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम के समायोजित कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने समायोजित कर्मियों को पांचवें व छठे वेतनमान का लाभ देने का निर्देश दिया है। ऐसे में अब 1524 कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। इसमें से करीब सात सौ कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अदालत ने छह माह में सभी लाभ का भुगतान करने का आदेश दिया है।