प्रथम दृष्टया दोषी मिले पांच पुलिस अफसरों को सस्पेंड करने का आदेश

PRAYAGRAJ/NEW DELHI (23 April): देवरिया जेल में बुलाकर व्यापारी को टॉर्चर और वसूल बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को भारी पड़ने वाली है. दो दिन पहले ही बरेली से नैनी सेंट्रल जेल स्थानान्तरित होकर आए अतीक को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के किसी हाई सिक्योरिटी जेल में स्थानान्तरित करने का आदेश दिया है. देवरिया जेल में हुई इस घटना का कड़ा संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पांच अफसरों को सस्पेंड करने का आदेश दिया है.

सरकार कर रही थी विभागीय कार्रवाई

सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने उन पांच जेल अधिकारियों को भी निलंबित करने का आदेश दिया है, जिनके खिलाफ प्रदेश सरकार ने मामले में उनकी पहली नजर में संलिप्तता के लिए विभागीय कार्यवाही शुरू की है. पीठ ने राज्य सरकार से अतीक के खिलाफ विभिन्न अदालतों में लंबित 26 मामलों के अलावा उस पर दर्ज 80 मामलों में स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है. शुरुआत में इस मामले में कोर्ट मित्र बनाए गए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया ने मामले में अपनी पांचवीं रिपोर्ट प्रस्तुत की. हंसारिया की मदद कर रहीं अधिवक्ता स्नेहा कलिता ने कोर्ट को बताया कि अतीक से मिलने आने वाले आंगतुकों के लिए जेल के नियमों में ढील दी गई थी.

सीसीटीवी कैमरों से की गई थी छेड़छाड़

व्यवसायी मोहित जायसवाल ने 28 दिसंबर, 2018 को एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनका लखनऊ से अपहरण किया गया और देवरिया जेल ले जाया गया. यहां पर अतीक अहमद और उनके गुर्गो ने उनको पीटा और अपना व्यवसाय स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया. 11 अप्रैल को उत्तर प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद के गुर्गो ने पिछले साल 26 दिसंबर को जायसवाल का अपहरण किया था और जेल ले जाकर उसकी पिटाई की थी. घटना की पुष्टि करते हुए प्रदेश सरकार ने कहा था कि घटना के समय जेल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों से छेड़छाड़ की गई थी.

चुनाव आयोग की अनुमति के बाद किए गए थे नैनी जेल स्थानांतरित

अतीक अहमद पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहे हैं. 11 फरवरी, 2017 से वह जेल में बंद हैं. अतीक समाजवादी पार्टी और अपना दल (सोनेलाल गुट) सहित कई राजनीतिक दलों से जुड़े रहे हैं. मीडिया में इस घटना के प्रकाश में आने और जायसवाल द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के बाद अतीक को देवरिया जेल से बरेली जेल स्थानांतरित कर दिया गया था. बरेली से नैनी जेल स्थानांतरित करने के लिए प्रशासन ने निर्वाचन आयोग से मंजूरी मांगी थी. जिसके बाद उसे कुछ दिनों पहले ही नैनी जेल लाया गया था. वहीं इस घटना में शामिल पूर्व विधायक के सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए कई जगह छापे मारे गए थे.

दूसरी बार सीबीआई जांच का आदेश

बता दें कि इससे पहले शीर्ष कोर्ट के आदेश पर अतीक और उनके गुर्गो के खिलाफ तत्कालीन विधायक राजू पाल हत्याकांड में सीबीआई जांच का आदेश दे चुकी है. करीब तीन साल पहले हुए आदेश पर अमल के लिए सीबीआई टीम प्रयागराज पहुंची भी और तथ्य भी जुटाए लेकिन अभी तक सीबीआई की तरफ से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.