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LUCKNOW : इस सभा में परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 1999 में अटल लखनऊ से सांसद चुने गए और देश के प्रधानमंत्री बने। उस दौरान लेसा के तत्कालीन मुख्य अभियंता पवन कुमार ने विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शन जोडऩे व काटने की फीस को मनमाने तरीके से 100 रुपए की जगह 250 रुपए कर दी। उसकी समय उपभोक्ता परिषद ने अटल जी को फैक्स भेजा और कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में उनकी छवि धूमिल करने के लिए उपभोक्ताओं का उत्पीडऩ किया जा रहा है।

पीएमओ ने किया हस्तक्षेप
यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस शिकायत के 24 घंटे के अंदर ही पीएमओ ने इस मामला में हस्तक्षेप किया और सीएम कल्याण सिंह के कार्यलय की ओर से रिपोर्ट तलब कर ली
गई। बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर लेसा ने अपना आदेश वापस लिया और उपभोक्ताओं को 36 घंटे बीतते ही न्याय मिल गया। यह वह समय था जब राजधानी का विद्युत उपभोक्ता अपने आप को भी वीआईपी महसूस करता था क्योंकि वह जानता था कि उसके कष्टों पर पीएमओ की सीधी नजर है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व विश्व ऊर्जा काउंसिल के स्थायी सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अटल के प्रधानमंत्रित्व काल में राजधानी लेसा की विद्युत व्यवस्था पर सीधे पीएमओ की नजर रहती थी। एक समय था जब लेसा में विद्युत आपूर्ति को लेकर रास्ता जाम और हंगामा मचता था, अटल जी के कार्यकाल में इन झंझटों से मुक्ति मिल गई थी।

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