लखनऊ (ब्यूरो)। दीप्ति का आरोप है कि डॉक्टर अजय पाल ने वैवाहिक सबूत मिटाने की कोशिश की और विरोध करने पर उसे फर्जी केस में फंसाकर जेल भिजवा दिया। उसने शासन को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की थी। विशेष सचिव डॉ। अनिल कुमार सिंह के निर्देश पर हजरतगंज पुलिस ने आईपीएस डॉ। अजयपाल शर्मा, चंदन राय, दरोगा विजय यादव व वादिनी को गिरफ्तार करने वाली टीम के खिलाफ संगीन धाराओं में केस दर्ज किया है।

2016 में शादी का किया दावा

गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित आस्था अपार्टमेंट में रहने वाली वकील दीप्ति शर्मा ने बताया कि वह दिल्ली हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं। बकौल दीप्ति वर्ष 2016 में आईपीएस डॉक्टर अजय पाल शर्मा ने उससे शादी की थी। उस समय वह एसपी सिटी गाजियाबाद के पद पर थे और उनकी शादी गाजियाबाद में रजिस्टर्ड है। दीप्ति का आरोप है कि डॉक्टर अजय पाल के अन्य महिलाओं से संबंध होने के चलते उनके रिश्ते खराब होने लगे।

महिला आयोग में की थी शिकायत

दीप्ती शर्मा ने महिला आयोग, पुलिस विभाग, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की। जिसके साथ शादी के सबूत भी दिए थे। इसके बाद से आईपीएस अजय पाल शर्मा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उसे प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। दीप्ति शर्मा के मुताबिक 18 सितंबर 2019 को रामपुर जनपद के सिविल लाइन थाने के बृजेश राना, मथुरा व कुछ अन्य लोग उनके घर आए और लैपटॉप, डीवीआर व अन्य इलेक्ट्रानिक सामान जबरन उठा ले गए। उन्होंने इसकी शिकायत डीआईजी रेंज मेरठ व कई जगहों पर की थी।

फर्जी मामले में फंसाने का आरोप

दीप्ति के मुताबिक इससे पहले 11 मार्च को उसका डॉक्टर अजयपाल शर्मा से फोन पर झगड़ा हुआ था। इसी के बाद डॉक्टर अजय पाल के इशारे पर गोविंदपुरम निवासी हरेन्द्र कुमार ने उसके खिलाफ 29 मार्च को साहिबाबाद थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया। आरोप था कि हरेन्द्र की फेसबुक पर गार्गी नाम की महिला से दोस्ती हुई। प्रोफाइल में महिला ने खुद को एक अंग्रेजी न्यूज चैनल का एंकर बताते हुए नौकरी दिलाने के नाम पर हरेन्द्र से एक लाख रुपये ठग लिए। तत्कालीन सीओ ने दावा किया कि जाली एकाउंट दीप्ति शर्मा ने बनाया था। इस मामले में एनबीडब्ल्यू जारी होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था।

सबूत दबाने के लिए जब्त किए मोबाइल

दीप्ति का आरोप है कि गिरफ्तारी के दौरान उसके बैग में पांच मोबाइल फोन थे। जिनमें डॉक्टर अजयपाल शर्मा के खिलाफ काफी सबूत थे। ये सभी मोबाइल फोन दारोगा विजय यादव ने लेकर आईपीएस के परिचित चंदन राय को पहुंचा दिए। जिससे काफी सबूत नष्ट हो गए। दीप्ति का कहना है कि जेल में रहने के दौरान उस पर बुलंदशहर के सिकन्दराबाद थाना, सिहानी गेट, रामपुर के सिविल लाइन समेत कई जगह धोखाधड़ी, आईटी एक्ट समेत कई केस दर्ज किए गए। आरोप है कि ये सभी केस इसलिए किए गए ताकि वह डॉ अजयपाल शर्मा के खिलाफ बयान न दे सके।

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