-दिल्ली नागलोई से पैदल करीब 200 लोग पहुंचे गाजियाबाद वहां पर हुई स्क्रीनिंग

-गाजियाबाद एडीएम ने बरेली तक दो रोडवेज बसों से भेजा, बरेली प्रशासन ने भी की हेल्प

बरेली: भूख ही नहीं जब पानी के लिए के तरसने लगे तो पैदल ही दिल्ली के नागलोई से करीब दो सौ मजदूर पैदल ही शाहजहांपुर और पीलीभीत के लिए चल पड़े। बच्चे और महिलाएं भी साथ थे इसके बाद भी हिम्मत नहीं हारी और नागलोई से दिल्ली सिटी तक पहुंच गए। एक साथ कई परिवारों को आता देख दिल्ली पुलिस ने रोक लिया और पूछताछ करने के बाद स्क्रीनिंग कराई। इसके बाद गाजियाबाद के लिए जाने दिया। गाजियाबाद डीएम ने पैदल बच्चों को जाते देखा तो दो रोडवेज बसों से सभी को बरेली के लिए रवाना कर दिया। फ्राइडे दोपहर सभी बरेली पहुंचे तब कहीं जाकर उन्हें खाना नसीब हुआ।

दोपहर 12 बजे पहुंचे सैटेलाइट

दोपहर करीब 12 बजे मेरठ डिपो की दो बसों से आए पैसेंजर्स को देख अफसर और पुलिस भी दंग रह गई। बस ड्राइवर और कंडक्टर जितेन्द्र से पूछताछ की तो उसने गाजियाबाद एडीएम की परमीशन दिखाई। पैसेंजर्स को बस से उतारने के बाद बस को सेनेटाइज कराया गया। इसके बाद बस से सैटेलाइट पहुंचे पैसेंजर्स से जब पूछाताछ की वह अपनी पीड़ा सुनाते हुए रो पड़े। बोले दिल्ली के नागलोई में वह हेलमेट फैक्ट्री में काम करते हैं। जबकि कुछ लोग अन्य फैक्ट्री में काम करते हैं। लॉक डाउन के बाद से वहां सभी फैक्ट्री बंद हो गई। दो दिन में ही खाने-पीने का जो सामान पास था वह खत्म हो गया। फिर लगा कि अब घर को पैदल ही निकलना ही रास्ता है। 24 मार्च को सभी एकत्र होकर पत्‍‌नी बच्चों को लेकर पैदल ही दिल्ली के लिए निकल पड़े। बच्चे भी भूख से रो रहे थे। दो दिन में दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर पहुंचे तो दिल्ली पुलिस ने रोक लिया और सभी की स्क्रीनिंग कराने के बाद खाना खिलाया। फिर गाजियाबाद एसडीएम से संपर्क कर बस से उन्हें बरेली के लिए रवाना कर दिया गया। पैसेंजर्स ने बताया कि दिल्ली में खाना खाया था उसके बाद से कुछ नहीं मिला, बच्चे भी भूखे प्यासे हैं। पैसेजर्स की पीड़ा सुनने के बाद मौके पर मौजूद परिवहन विभाग के अफसरों और पुलिस ने सभी को पैसेंजर्स को शाहजहांपुर और पीलीभीत छोड़ने के लिए कहा इस पर बस ड्राइवर ने आनाकानी की लेकिन प्रशासन ने समझाकर एक बस पीलीभीत तो दूसरी बस को शाहजहांपुर भेज दिया।

समाजसेवियों ने खिलाया खाना

सैटेलाइट बस स्टैंड पर जैसे ही दो बसों से भूखे लोगों के आने की सूचना मिली तो पुलिस और सिंधु नगर से कुछ लोगों ने उनके खाने खाने का इंतजाम किया। तब कहीं जाकर सभी ने राहत की सांस ली।

बोले पैसेंजर्स

किसी तरह एडीएम गाजियाबाद ने हेल्प की तो दो बसों से हम लोग बरेली पहुंचे हैं। परेशान हूं अब खाना मिला है।

इमरान

अब कभी बाहर दूर नहीं जाऊंगा। बाहर बहुत प्रॉब्मल होती है। लॉक डाउन से परेशान हो गया भूखा तक रहा हूं।

मसील

कई और लोग हैं जो मेरे जैसे ही पैदल भूखे अपने घरों के लिए आ रहे हैं इससे बड़ी समस्या और क्या होगी।

मतीन

मुशिकल है कि बच्चे साथ में है और खाना पानी तक नहीं मिल रहा है। एक दिन पहले खाना खाया था। भूख से बच्चे भी परेशान हैं।

शिवराज