यह भी जानें

-1000 गोवंश रखने की व्यवस्था है कान्हा उपवन में

-600 गोवंश अभी रह रहे हैं

-160 गोवंश की अब तक हो चुकी है मौत

-2 महीने से नहीं है दवाएं

-मेयर ने ट्यूजडे दोपहर को किया था निरीक्षण, सीएम को लेटर भेज हकीकत से कराया अवगत

-गायों की देखरेख न होने से गई जान, छह माह पहले भी कई पशुओं की हुई थी मौत

बरेली: कहने को तो रामपुर रोड स्थित कान्हा उपवन गायों की सुरक्षा और उनकी देखभाल के लिए बनाया गया था, लेकिन ट्यूजडे दोपहर 2 बजे मेयर उमेश गौतम ने जब निरीक्षण किया तो सारी पोल खुल गई। कान्हा उपवन के अंदर तीन गोवंश के शव पड़े हुए थे। किसी को पता न चले तो उन शवों को चादर से छिपा दिया था। साथ ही कई जगहों पर गोवंश के कंकाल भी बिखरे पड़ हुए थे। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। वहीं उन्होंने सीएम को लेटर लिखकर पूरी स्थिति से अवगत कराया है।

चुप्पी साधे रहे अफसर

ट्यूजडे को दोपहर करीब 12 बजे पर्यावरण अभियंता और नगर स्वास्थ्य अधिकारी संजीव प्रधान गोवंशों का वैक्सीनेशन करने आए लेकिन उन्होंने शवों को देखकर भी अनदेखा कर दिया। वहीं जब मेयर ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा तो वह जबाव तक नहीं दे सके।

रिपोर्ट पर उठ रहे सवाल

सीवीओ यानि चीफ वेटिरी ऑफिसर की रिपोर्ट के अनुसार जिन तीन गो वंश की मौत हो हुई हैं। इनमे से दो की मौत दो दिन पहले सांड से भिड़ने के कारण हुई थी। उनकी बॉडी पर चोटों के निशान भी हैं। वहीं तीसरे की मौत लंबी बीमारी के कारण हुई है। लेकिन सोचने वाली बात है अगर दो दिन पहले मौत हो चुकी है तो शवों को वहां से हटाया क्यों नहीं गया।

कहीं भूख से नहीं मरे पशु

मेयर ने जब यहां गोवंश को मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया तो पता चला कि यहां न तो तीन माह से गोवंश को हरा चारा मिल रहा था और न ही ट्रीटमेंट के लिए दवाएं हैं। वहीं चीफ वैटनरी ऑफिसर ने कई बार नगर स्वास्थ्य अधिकारी को दवाओं का टोटा होने का पत्र भेजा था, लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान नही दिया। वहीं अलग शेड बनवाने को भी कहा था, लेकिन उस पर भी ध्यान नहीं दिया।

गोवंश की मौत बीमारी के कारण हुई है। उनकी देखरेख ठीक प्रकार से की जा रही है, जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह निराधार हैं।

संजीव प्रधान, पर्यावरण अभियंता, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

कान्हा उपवन का औचक निरीक्षण किया तो यहां तीन गोवंश की डेड बॉडी मिली वहीं दो कंकाल भी मिले। इस पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन वह जबाव नहीं दे सके। सीएम को मामले से अवगत करा दिया गया है।

डॉ। उमेश गौतम, मेयर।