- 11 दिन के लॉकडाउन में किशनगंज, सुपौल, जमुई और शेखपुरा में नहीं दर्ज हुआ मुकदमा

PATNA :

सरकार द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन में अनुशासन तोड़ने के मामले में करीब सौ से अधिक लोग जेल जा चुके हैं। वहीं, चार जिले ऐसे भी हैं जहां लॉकडाउन का बारह दिन बीतने के बाद भी एक भी एफआइआर दर्ज करने की नौबत नहीं आई है। इसमें किशनगंज, सुपौल, जमुई और शेखपुरा शामिल हैं। अहम यह है कि बिहार के 40 पुलिस जिलों में 12 जिले ऐसे हैं जहां अभी तक पुलिस के सामने किसी को गिरफ्तार करने की नौबत नहीं आई है। जबकि क्रमश: नालंदा, पटना और सिवान के अलावा गया जिले के लोगों ने लॉकडाउन की सर्वाधिक धज्जियां उड़ाई है। यही वजह है कि यहां सर्वाधिक मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। इन जिलों से जेल भी गए हैं और जुर्माना भी भरा है।

कहां-कहां गिरफ्तारी की नहीं आई नौबत

अरवल, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, नवगछिया, मुंगेर, शेखपुरा, जमुई, लखीसराय और खगडि़या में अभी तक किसी की गिरफ्तारी की नौबत नहीं आई है। लेकिन इन जिलों में लोगों की गाडि़या जब्त हुई है और जुर्माना भी भरा है।

12 दिन में भरा 1.80 करोड़ रुपये जुर्माना

पिछले 12 दिनों के लॉकडाउन में बिहार पुलिस ने 81 सौ से अधिक गाडि़यां जब्त की हैं। जबकि 384 लोगों को जेल भेजा गया है। यही नहीं, 578 लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है। अहम यह है कि 1.80 करोड़ रुपये लोगों ने जुर्माना भी भरा है।

पटना में सर्वाधिक वाहन जब्त

बिहार के 40 पुलिस जिलों में सरकार के आदेश की अनदेखी करने में पटना वाले अव्वल है। यह बात जिलेवार भेजी गई रिपोर्ट में सामने आई है। नालंदा जिले की पुलिस ने सर्वाधिक 165 एफआइआर दर्ज की है। दूसरे नंबर पर सिवान के लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है। सरकार के आदेश की अनदेखी में तीसरा स्थान कटिहार जिले के लोगों की है। जबकि चौथे नंबर पर गया वाले हैं। अररिया जिले में सर्वाधिक लोगों को गाडि़यां लॉकडाउन के उल्लंघन में पकड़ी गई है।