JAMSHEDPUR : जिंदगी चलाने और बचाने के लिए शहर में थोक के भाव खुली दवा दुकानों में जहर बेचा जा रहा है। दवा दुकानदार बगैर चिकित्सक की पर्ची के ही कई प्रतिबंधित दवाएं लोगों को चंद मुनाफा कमाने के चक्कर में दे दे रहे हैं, जो लोगों की जान के लिए घातक है। इसे देखते हुए औषधि विभाग ने शहर की तीन दवा दुकानों का लाइसेंस रद कर दिया है। इनमें सोनारी स्थित हर्षिता मेडिकल दुकान भी शामिल है, जहां टीम को बड़ी मात्रा में नशीली दवाएं भी मिलीं। इसके अलावा सिदगोड़ा स्थित सपना पॉल डिस्ट्रीब्यूटर्स, खासमहल स्थित संजीवनी मेडिकल दुकान व मुसाबनी स्थित एशियन मेडिकल दुकान का लाइसेंस रद किया गया है। यहां कागजात में गड़बड़ी, फार्मासिस्ट का नहीं होना, बिना पर्ची दवाओं की ब्रिकी सहित अन्य खामियां पाई गई। औषधि निरीक्षक आलोक कुमार व पुतली बिलुंग ने बताया कि नियमों को ताक पर रखकर दवा दुकानों को चला रहे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई और तेज होगी। इसके लिए एक गुप्त टीम गठित की गई है। बताया कि कई दवा दुकानों से नशीली दवाएं कोरेक्स, कफ सीरप, व्हाइटनर, नींद की गोलियां सहित अन्य नशीले इंजेक्शन की बिक्री होने की बात सामने आयी है।

मॉनिट¨रग होगी ऑनलाइन

प र्वी सिंहभूम में करीब क्ख्00 लाइसेंसी दवा दुकानें संचालित हैं, जिनमें थोक व खुदरा दोनों शामिल हैं। नई बात यह है कि अब दुकानों का लाइसेंस व नवीकरण ऑनलाइन किया जा रहा है। इससे सभी दुकानों की निगरानी ऑनलाइन होगी। इसकी प्रकिया तेज कर दी गई है।

हर माह 80-90 दवाएं जांच को भेजे जाते

औषधि विभाग जिले से हर माह 80-90 दवाओं के नमूने लेकर जांच को भेजता रहा है। इनमें क्ख्-क्भ् दवाएं फेल (सबस्टैंडर्ड) होती हैं। कुछ तो पूरी तरह से नकली होती हैं। इसके अधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है।

दवा दुकानों का खेल

- बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं का कारोबार।

- इस अवैध धंधे में औषधि विभाग के अधिकारियों की भी संलिप्तता।

- बिना चिकित्सीय परामर्श व फार्मासिस्ट के बेच रहे दवाएं।

नियमों को ताक पर रखकर संचालित करने वाले दवा दुकानदारों को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे दुकानदारों को चिन्हित कर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब सभी दुकानों को ऑनलाइन किया जा रहा है। इससे सीधी नजर रखी जा सकेगी।

- सुमंत तिवारी

उपनिदेशक, औषधि विभाग।