-काल्विन हॉस्पिटल में दस बेड की हो गई डायलिसिस यूनिट

-बढ़ गए चार बेड, एक बेड पर प्रतिदिन तीन मरीजों होती है डायलिसिस

PRAYAGRAJ: किडनी के मरीजों को डायलिसिस में राहत मिली है। काल्विन हॉस्पिटल की डायलिसिस यूनिट में चार नए बेड बढ़ जाने से प्रतिदिन बारह नए मरीजों को इलाज मिल रहा है। पहले यह यूनिट महज छह बेड की थी। बता दें कि बेली हॉस्पिटल में भी डायलिसिस यूनिट लगाई गई है। जो कि शुरुआत से दस बेड की थी। इसकी तर्ज पर नए बेड बढ़ाए जाने के बाद मरीजों को राहत मिली है।

लंबी है मरीजों की लिस्ट

शहर में किडनी के मरीजों की लिस्ट लंबी है। जिसके चलते डायलिसिस कराने में लंबा खर्च होता है। कई मरीजों के पास डायलिसिस कराने का पैसा नही होने से वह जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। जिसको देखते हुए शासन ने बेली और काल्विन हॉस्पिटल में डायलिसिस यूनिट की शुरुआत की थी। इसमें बेली हॉस्पिटल में दस बेड की और काल्विन हॉस्पिटल में छह बेड की यूनिट शामिल थी।

एक बेड पर तीन की डायलिसिस

यूनिट की एक बेड पर एक दिन में तीन मरीजों की डायलिसिस होती है। इस तरह से दोनों यूनिट के 16 बेड पर अभी तक एक दिन में 48 मरीजों का भला हो रहा था और चार बेड बढ़ने के बाद यह संख्या 60 हो गई है। जानकारी के मुताबिक एक मरीज की सप्ताह में कम से कम दो बार डायलिसिस की जाती है। कभी-कभी यह संख्या तीन बार भी हो जाती है। ऐसे में बेड बढ़ जाने से बारह मरीजों को निशुल्क में डायलिसिस का लाभ और मिलने लगा है।

लगातार चल रही थी मांग

बेली हॉस्पिटल में दस बेड की डायलिसिस थी और काल्विन हॉस्पिटल में भी बढ़कर दस बेड हो गए हैं। चार बेड बढ़ाए जाने की मांग लंबे समय से चल रही थी। इन यूनिटों में डायलिसिस के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। जिसके चलते कई मरीजों की वेटिंग भी चल रही है। उनका नंबर आने में थोड़ा टाइम लग सकता है। ऐसे में मरीजों को प्राइवेट हॅास्पिटल में डायलिसिस कराने में अधिक पैसा देना पड़ता है।

हाल ही में डायलिसिस यूनिट के बेड बढ़ाए गए हैं। मशीनें आकर रखी थीं लेकिन परमिशन नहीं मिल रही थी। अब बेड बढ़ जाने से नए मरीजों को काफी राहत मिली है।

-डॉ। वीके सिंह, सीएमएस, काल्विन हॉस्पिटल