नई दिल्ली (एएनआई)। कोरोना वायरस के खिलाफ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) प्रोफिलैक्सिस के उल्लेखनीय लाभों का हवाला देते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक बड़ा खुलासा किया है। आईसीएमआर के मुताबिक कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में लगे हेल्थ केयर वर्कर्स को एचसीक्यू की चार या इससे अधिक खुराक देने से उनमें कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में गिरावट आई है। कोरोना वायरस रोगियों के उपचार में तैनात हेल्थ केयर वर्कर्स के इस वायरस की चपेट में आने का खतरा अधिक होता है।

नतीजे इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में पब्लिश किए गए

आईसीएमआर की एक स्टडी में पता चला है कि ऐसे में इन हेल्थ वर्कर्स को एचसीक्यू की डोज देने से संक्रमण के मामलों में 80 फीसदी से ज्यादा कमी आई है। इसलिए भारत में हेल्थ केयर वर्कर्स के बीच कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ जोखिम और सुरक्षात्मक कारकों की तुलना करने के लिए, आईसीएमआर के शोधकर्ताओं ने एक केस-कंट्रोल जांच की है। इस स्टडी के नतीजे इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में पब्लिश किए गए हैं। स्टडी के लिए हेल्थ केयर वर्कर्स को निगेटिव और पाॅजिटिव दो हिस्सों में बांट दिया गया।

एचसीएक्यू के चार या इससे ज्यादा डोज का असर दिखा

पहले हिस्से में पॉजिटिव केस वाले और दूसरे हिस्से में निगेटिव केस वाले लोग रखे गए। ये लोग देशभर में आईसीएमआर के कोविड-19 के टेस्टिंग डाटा पोर्टल से चयनित किए गए थे। इन लोगों से वर्क प्लेस, पूरे किए गए प्रोसीजर और पीपीई के इस्तेमाल सहित 20 सवालों के जरिए सारी जरूरी जानकारी ली गई थी। स्टडी में एचसीएक्यू के चार या इससे ज्यादा डोज का असर दिखा है। एचसीक्यू की इतनी डोज से हेल्थ केयर वर्कस में कोरोना वायरस से बचने की क्षमता पैदा हुई।

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