- समाधान, सुविधा, सुलेखा और सुगम सॉफ्टवेयर से होगा चुनाव

- विधानसभा चुनाव के लिए चार नये साफ्टवेयर तैयार

LUCKNOW: राजनीतिक दल नहीं, चुनाव आयोग भी विधानसभा चुनाव के लिये 'तीर-तरकश' सहेजने में जुट गया है। मतदाता सूची ठीक करने की ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रक्रिया चल रही है। चुनाव आयोग ने इसके मद्देनजर चार सॉफ्टवेयर तैयार किये हैं। समाधान, सुविधा, सुलेखा और सुगम नाम के चार साफ्टवेयरों की उपयोगिता बिलारी व जंगीपुर उपचुनाव में परखी जा रही है, विधानसभा के आम चुनाव में इन साफ्टवेयरों का इस्तेमाल होगा।

प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी, भाजपा, बसपा और कांग्रेस के साथ चुनाव आयोग भी तैयारी कर रहा है। मतदाताओं को नाम दुरुस्त कराने, हटवाने या नया नाम शामिल कराने के लिये राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल के जरिये जहां ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है, वहीं जिला निर्वाचन कार्यालयों में आवेदन किया जा सकता है। चुनाव आयोग की यह प्रक्रिया 28 जुलाई तक चलेगी, जिसके बाद विशेष अभियान भी चलेगा। इससे इतर आयोग ने विधानसभा चुनाव 2017 में चुनावी जनसभा की इजाजत से लेकर गाडि़यों, हेलीकाप्टर उतारने, प्रत्याशियों व चुनावी कार्य के खर्च के लिए चार विशेष साफ्टवेयर का इस्तेमाल करने की भी तैयारी में है। बिलारी व जंगीपुर विधानसभा उपचुनाव में इन साफ्टवेयरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरुण सिंघल ने बाताया कि इस बार के विधानसभा चुनाव में पारदर्शी व त्वरित फैसले के लिए चार तरह के साफ्टवेयरों का इस्तेमाल किया जाएगा। परीक्षण चल रहा है। इस सुविधा से राजनीतिक दलों व चुनाव कार्य में लगे अधिकारियों, कर्मचारियों को भी खासी सुविधा होगी।

सॉफ्टवेयर के नाम और काम

समाधान : यह ऐसा साफ्टवेयर, जिस पर व्यक्ति या राजनीतिक दल चुनावी गड़बड़ी की शिकायत अपलोड कर सकेंगे। दस्तावेजों के साथ शिकायत अपलोड होने पर स्वत: एक कोड जारी होगा, जिसके जरिए कार्रवाई का ब्योरा देखा जा सकेगा। 72 घंटे अंदर शिकायत निस्तारित हो जाएगी। विलंब होने पर संबंधित अधिकारी को आटोमेटिक कारण बताओ नोटिस जारी हो जाएगा और चुनाव आयोग को अलर्ट संदेश चला जाएगा।

सुविधा : चुनाव के समय राजनीतिक दलों से लेकर मतदाताओं को जनसभा, जनसभा स्थल, हेलीकाप्टर, जहाज की लैंडिंग, चुनाव क्षेत्र में चलने गाडि़यों, झंडा, बैनर की इजाजत की आवश्यकता होती है, इसके लिए आयोग ने यह साफ्टवेयर तैयार किया है। इसके जरिये 24 घंटे के अंदर आवेदन पत्र का निस्तारण होगा। आपत्ति लगाने पर निर्वाचन अधिकारी को उसका कारण भी ऑनलाइन दर्ज करना होगा। आवेदक चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर प्रार्थना पत्र की स्थिति देख सकेंगे।

सुलेखा : यह साफ्टवेयर चुनाव में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के इस्तेमाल की इजाजत के काम में इस्तेमाल होगा। मसलन, किसी क्षेत्र में आयोग को शामियाना लगाना तो जिला निर्वाचन अधिकारी सुलेखा पर मांग पत्र भेजकर इजाजत ले सकेंगे। चुनाव के दौरान अधिकारियों को 17 बिंदुओं पर इजाजत की आवश्यकता होती है। एडीएम की अध्यक्षता में समिति बनेगी जो दिन में दो बार कार्यवाही का परीक्षण करेगी।

सुगम : इस साफ्टवेयर के जरिए चुनाव के दौरान प्रयोग होने वाले प्रत्याशियों के वाहनों का ब्यौरा दिया जाएगा। इसमें वाहनों पर खर्च और इनकी संख्या भी शामिल होगी।