फ्रांस का आईएसआईएस को जवाब

पेरिस हमले का बदला लेने के लिए फ्रांस की सेना ने बीती रात सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) पर निशाना साधा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस की वायु सेना के दस विमानों ने आईएस कब्जे वाले रक्का शहर पर बम बरसाए। इसमें आईएस के हथियारों के गोदामों और भर्ती कैंपों को निशाना बनाया गया। इससे पहले शुक्रवार रात पेरिस के कई स्थानों पर आत्मघाती हमलावरों के गोलीबारी और धमाके करने की जिम्मेदारी इस आतंकवादी संगठन ने ली थी इस हादसे में 160 से ऊपर लोगों की मौत हुई थी और सैंकड़ों घायल हुए थे।

अमेरिका साथ देने का करेगा एलान

इस बीच खबर है कि पेरिस आतंकी हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इराक और सीरिया में आईएस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई तेज करने पर विचार कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसका यह मायने नहीं है कि अमेरिका या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस हिंसक आतंकवाद को रोकने के लिए उनके खिलाफ हवाई बमबारी या जमीनी हमले को तेज किया जाए। लंबे समय से पश्चिम एशिया के विशेषज्ञ रहे एंथनी कोरडेसमैन ने शनिवार को कहा कि आईएस पर बमबारी करने के लिए आप पाषाण युग में नहीं जा सकते। कोरडेसमैन और अन्य अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि ओबामा इराकी बलों और सीरिया में आईएस विरोधी लड़ाकों के साथ अमेरिकी सैन्य सलाहकारों को अग्रिम मोर्चों पर तैनात कर देश की भागीदारी को और मजबूत कर सकते हैं।

तुरंत नहीं मिलेगा नतीजा

लेकिन स्थानीय बलों के लिए अमेरिकी समर्थन तेज करने को लेकर इस तरह के कदम का तुरंत नतीजा निकलने की संभावना नहीं है। कोरडेसमैन को लगता है कि पेरिस जैसे आतंकी हमले जारी रह सकते हैं और निकट भविष्य में इसका कोई हल नहीं है। जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर स्टीफन बिडल ने बताया कि पेरिस हमला से आईएस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बढ़ाना राजनीतिक रूप से जरूरी हो जाएगा। हालांकि उनका मानना है कि जमीनी स्तर पर अमेरिकी युद्ध शुरू करना गलती होगी।

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