- पुलिस, बैंककर्मी और आम आदमी के लिए नई पहेली जाली चेक का चक्रव्यूह

- दून में जाली चेक लगाकर लाखों रुपए की धोखाधड़ी के मामले आए सामने

देहरादून, आपने जाली नोटों के बारे में सुना होगा और शायद देखे भी होंगे। लेकिन, अब जाली चेक के चक्रव्यूह में भी बैंक और आम आदमी फंसने लगे हैं। जाली चेक के जरिए लोगों के अकाउंट से ठग मोटी रकम लूट रहे हैं। वे कस्टमर बनकर बैंक पहुंच रहे हैं और जाली चेक के जरिए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) कर रकम उड़ा रहे हैं। दून में इस तरह की ठगी के दो मामले अभी तक सामने आ चुके हैं।

दून में इन मामलों से हड़कंप

केस 1- जाली चेक के जरिए आरटीजीएस

डालनवाला थाना इलाके की ईसी रोड स्थित यूको बैंक की शाखा में 10 दिसंबर 2018 से 14 दिसंबर 2018 के बीच कविता देवी ने रेखा कुकरेती के खाते से जाली चेक के जरिए 4 लाख 95 हजार 900 रुपए आरटीजीएस कर अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए।

केस 2- जाली चेक के जरिए एनईएफटी

कोतवाली थाना इलाके के रेसकोर्स स्थित यूको बैंक की शाखा से अज्ञात द्वारा 10 दिसंबर 2018 से 14 दिसंबर 2018 के बीच रंजीत कौर के खाते से जाली चेक लगाकर 4 लाख 95 हजार 800 रुपए एनईएफटी द्वारा दूसरे खाते ट्रांसफर किए गए।

आधे घंटे का मिलता है समय

अगर आपके साथ इस तरह का फर्जीवाड़ा हो और आपके खाते से किसी ने जाली चेक लगाकर आरटीजीएस किया तो आप तुरंत बैंक को सूचित करें। आरटीजीएस की प्रक्रिया आधा घंटे में होती है। इसे बैंक रोक सकता है, अगर पैसे ट्रांसफर हो जाएं तो फिर थाने में शिकायत दर्ज करें।

एनईएफटी और आरटीजीएस प्रक्रिया

एनईएफटी से किसी भी खाते में कितनी भी धनराशि ट्रांसफर कराई जा सकती है। इस प्रोसेस में एक घंटे का समय लगता है। वहीं, आरटीजीएस में कम से कम दो लाख रुपए या इससे ज्यादा की रकम किसी खाते में ट्रांसफर की जा सकती है, इस प्रक्रिया में मात्र आधा घंटा लगता है।

ऐसे करें जाली चेक की पहचान

अगर आप थोड़ा सा भी जागरूक हों तो जाली चेक की पहचान आसानी से कर सकते हैं। बैंक द्वारा जारी किसी भी चेक में 4 अहम जानकारियां होती हैं। पहला अकाउंट नम्बर, दूसरा चेक नम्बर, तीसरा चेक के अंदर बैंक का लोगो, और सबसे नीचे चेक के लेफ्ट में एक कोड नंबर। चेक पर प्रिंट बैंक का लोगो सिर्फ अल्ट्रावायलेट लैंप से ही साफ नजर आता है। अगर लोगो ओवरलैप हो तो समझो चेक जाली है।

जनवरी से चेक पर नई पहचान

यूको बैंक के सीनियर मैनेजर वीके बहुगुणा ने बताया कि हाल ही में बैंक ने एक सर्कुलर जारी कर बताया कि जनवरी से चेक में एक नई पहचान भी अंकित की जाएगी। चेक पर जहां पर डेट के लिए स्पेस दिया है वहां पर 5 नंबर की डिजिट मिलेगी। हर चेक पर अलग कोड मिलेगा, इससे जाली चेक और आसानी से पहचाने जा सकेंगे।

मोबाइल नंबर कराते रहें अपडेट

देहरादून पुलिस के लिए आने वाले समय में एक ओर चक्रव्यूह भेदने का बड़ा चेलेंज सामने है। दून में अब बैंको से जाली चेक के माध्यम से लाखों रूपए आरटीजीएस, एनईएफटी के माध्यम से लाखों रूपए का फर्जीवाड़ा होने लगा है। इसके लिए बैंककर्मियों के सामने भी मुश्किलें खड़ी हो गई है। सीनियर मैनेजर, यूको बैंक वीके बहुगुणा ने बताया कि इसके लिए सभी कस्टमर को अपने खाते को मोबाइल नंबर के साथ कनेक्ट कराना चाहिए। ताकि, किसी भी ट्रांजेक्शन की सूचना कस्टमर को तत्काल मिले।

ये सावधानियां बरतें

- अगर बैंक से लेने-देन के लिए किसी दूसरे व्यक्ति को भेजें, तो इसकी जानकारी बैंक को दें।

- बैंक अकाउंट से अपना मोबाइल नंबर कनेक्ट करवाएं।

- मोबाइल नंबर को समय-समय पर अपडेट करते रहें।

- किसी भी अज्ञात द्वारा कोई फोन कॉल आती है तो उससे अपने अकाउंट की जानकारी शेयर न करें।

- चेक बुक में अपने द्वारा किए गए लेन-देन को दर्ज कराएं।

बैंक को क्या करना चाहिए

- चेक के जरिए लेन-देन के मामलों में चेक होल्डर से पूरी पड़ताल कर उसकी पहचान पुख्ता करें।

- चेक के जरिए बड़े भुगतान होने पर खाते के साथ कनेक्टेड मोबाइल नंबर पर कस्टमर को एप्रोच करें।

- हर चेक की बारीकी से पड़ताल करें, हस्ताक्षर का मिलान करें।

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हमेशा अपने अकाउंट में मोबाइल नंबर जरूर अपडेट कराते रहें। जिससे आपको खाते की सारी जानकारियां मिलती रहें। इसके साथ ही चेक की पहचान के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें।

वीके बहुगुणा, सीनियर मैनेजर, यूको बैंक