ALLAHABAD: जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों की समस्याएं कम होने के बजाय लगातार बढ़ती चली जा रही हैं। आए दिन नई-नई समस्याएं व्यापारियों को परेशान कर रही हैं। इन दिनों व्यापारियों के मोबाइल पर कॉल सेंटर के नाम पर कॉल आ रही है। जीएसटीआर थ्री बी का फार्म भरने वाले व्यापारियों को फार्म सक्सेसफुल अपडेट न होने और लेट फीस व पेनाल्टी जमा करने की धमकी दी जा रही है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने एक्साईज अधिकारियों से जब सवाल किया तो उन्होंने इस तरह की जानकारी होने से इनकार कर दिया। उन्होंने साफ-साफ कहा कि विभाग द्वारा इस तरह का कॉल व्यापारियों को नहीं किया जा रहा है।

 

रखीं अपनी समस्याएं

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के संयोजक संतोष कुमार पनामा, अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी, कोषाध्यक्ष केके अग्रवाल के नेतृत्व में अन्य व्यापारियों ने सिविल लाइंस स्थित एक्साइज ऑफिस में अधिकारियों से मुलाकात कर उनके सामने व्यापारियों की समस्याएं रखीं। असिस्टेंट एक्साईज कमिश्नर प्रमोद सेबरान, डीई डेटा व सुपरीटेंडेंट कमिश्नर एके गुप्ता व संदीप कुमार ने व्यापारियों की समस्याएं सुनी, लेकिन सभी अधिकारी व्यापारियों के सवालों का जवाब नहीं दे सके।

 

क्या करें व्यापारी

व्यापारी नेता संतोष कुमार पनामा ने कहा कि जिन व्यापारियों को 30 जून से फर्म बंदी करनी थी, उनके लिए फार्म-16 का पोर्टल आज तक नहीं खुल सका है, ऐसे में व्यापारी अब क्या करें? सतीश चंद्र केसरवानी ने कहा कि जिन व्यापारियों के पैन मिस मैच होने के कारण पुराना टिन डाल कर नया रजिस्ट्रेशन ले लिया है, उनके 30 जून के स्टॉक को कैसे फारवर्ड किया जाएगा? व्यापारी रिटर्न कैसे भरेंगे? वहीं कैलाश बिहारी अग्रवाल ने पूछा कि कम्पाउंडिंग वाले व्यापारी ऑनलाइन में रजिस्ट्रेशन कम्पाउंडिंग में करते हैं, लेकिन रिपोर्ट रेगुलर की आती है, यह क्या है? अरुण अग्रवाल ने कहा कि जुलाई महीने के जीएसटीआर-1 के लिए पोर्टल 21 दिन के लिए बंद कर दिया गया। इसके बाद जब खुलेगा तब 4200 रुपए की लेट फीस व्यापारियों से वसूली जाएगी, क्या यह न्याय संगत है। गोपाल जी केसरवानी ने कहा कि संशोधन पोर्टल आज तक नहीं खुल सका है। व्यापारी अनावश्यक परेशानियों से जूझ रहा है। सुशील केसरवानी ने पूछा कि कम्पाउंडिंग स्कीम वाले व्यापारी कर मुक्त माल की बिक्री करते हैं, क्या उस पर भी एक प्रतिशत की देयता बनेगी? अंत में व्यापारियों ने जीएसटी काउंसिल को संबोधित 15 सूत्रीय ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा।