- फर्जी कंपनी में राजेन्द्र नगर के कारोबारी के जमा करा दिए 18 लाख रुपए, पुलिस से की कंप्लेन

-दो साल पहले भी फर्जी कंपनी ने की थी ठगी, पर अभी तक एक भी रुपए नहीं हुआ रिफंड

बरेली : बरेलियंस को गुड रिटर्न के नाम पर चिटफंड कंपनी पिछले तीन सालों में 302 करोड़ से ज्यादा चूना लगा चुकी है, लेकिन इसके भी ठगी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह फर्जी कंपनी पूरे शहर में अपना नेटवर्क फैलाए हुए हैं और अपने एजेंटों के जरिए कस्टमर को आसानी से फांस लेते हैं। यह निवेशकों से धीरे-धीरे रुपए जमा करवाती रहती हैं फिर जब रकम करोड़ों में पहुंचती है तो रातों-रात कंपनी में ताला डाल फरार हो जाती हैं। ठगी का पता चलने के बाद न तो एजेंट पकड़ में आता है और ही कंपनी का कोई अधिकारी। ऐसे में पुलिस भी इन्हें पकड़ने की बजाय सिर्फ रिपोर्ट लिखकर और जांच की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर पल्ला झाड़ लेती है। वहीं सैटरडे को एक ऐसा ही मामला सामने आया है।

केस:1 ज्यादा ब्याज बोल कराया इन्वेस्ट

थाना प्रेमनगर के राजेंद्रनगर निवासी हर्ष विजय अग्रवाल ने पुलिस को दी गई रिपोर्ट में बताया है कि सुमित खंडेलवाल नाम के एजेंट के जरिए उन्होंने तीन साल पहले श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी में ज्यादा ब्याज मिलने पर 18,करोड़ रुपए इंवेस्ट किए थे। लेकिन एजेंट ने बिना बताए स्वस्थ जीवन निधि कंपनी से उसकी एफडी जमा कर दी। फिर जब उन्होंने रुपए वापस मांगे तो पता चला जिस कंपनी में रुपए लगे थे, वे बंद हो चुकी है। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराई।

केस: 2 ढाई हजार लोगों को ठगा

पिछले साल प्रॉपर्टी और क्रिप्टो करेंसी के जरिए गंगा इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड ढाई हजार निवेशकों से 300 करोड़ की ठगी की थी। फिर निवेशकों ने शहर के थानों में कंपनी और उसके एमडी राजेश मौर्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। उसके बाद कंपनी का एमडी अपने साथियों के साथ भाग गया था। वहीं 29 जुलाई 2018 को क्राइम ब्रांच ने राजेश मौर्या को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था। जबकि उसके साथी अभी भी फरार हैं।

केस: 3 12 लोगों को बनाया शिकार

श्रीगंगा इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड के बाद विनायक प्रोमार्ट इंडिया लिमिटेड के एमडी और डायरेक्ट ने 12 बरेलियंस से 2 करोड़ रुपए की ठगी की थी। इज्जतनगर के बसंत विहार निवासी राम औतार गंगवार ने बताया कि उसके इलाके में रहने वाले विनोद कुमार, ऋषिराम यादव हरूनगला के वीरेंद्र कुमार से उनकी मुलाकात हुई थी। वह विनायक प्रोमार्ट इंडिया खोल रहे थे। जोकि दो साल में निवेशकों का पैसा डबल करती है। उसके अलावा कंपनी ने रामप्रकाश, अरविंद कुमार, नैपाल गिरि, उदयपाल, धर्मपाल, अरविंद सिंह, रामदेव शर्मा, वेदप्रकाश, महेशपाल को निशाना बनाया था।

इन कंपनियों ने लूटा

। गंगा इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड

2. भूमि प्रोपमॉर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

4. विनायक प्रोमार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

3. ग्लेज इंडिया कंपनी

यह है कार्रवाई का नियम

। पकड़े जाने पर कंपनी मालिक पर 10 साल की सजा ।

2. दो लाख से पचास करोड़ रूपए तक जुर्माना।

3. विशेष अदालत के तहत 180 दिन में मामले का निपटारा।

4. फ्रॉड कंपनी से मिली राशि पर पहला निवेशकों का हक

5. स्कीम चलाने वालों पर बिना वारेंट के पुलिस मार सकती है छापा

6. पकड़े जाने पर संपत्ति कुर्की

ऐसे करती हैं फ्रॉड

। रियल एस्टेट में इंवेस्टमेंट

2. मल्टी लेबल मार्केटिंग

3. बीमा पॉलिसी के जरिए

4. हेल्थ कार्ड और जॉब प्लेसमेंट

5. बैंक से दोगुना ब्याज देने का वायदा

6. एजेंट के जरिए

वर्जन

किसी चिटफंड कंपनी पर भरोसा मत करें। सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाएं पब्लिक के लिए सही है। किसी पर भरोसा करने से पहले विचार करें ।

रमेश भारतीय, एसपी क्राइम